पांवटा साहिब/सचिन ओबराय
जिला परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर शनिवार दोपहर भाजपा ने कब्जा कर लिया। ये इस कारण संभव हुआ, क्योंकि भगानी वार्ड की अंजना शर्मा ने पाला बदल कर भाजपा का दामन थाम लिया था। यही बात, सोशल मीडिया यूजर्स को रास नहीं आई। लिहाजा, चुनाव के कुछ समय बाद ही नवनियुक्त उपाध्यक्ष सोशल मीडिया में ट्रोल होने लगी। ऐसी तस्वीरें भी सामने आई, जिसमें अंजना शर्मा के पोस्टर पर गोबर व कालिख पोती गई थी।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क को नवनियुक्त उपाध्यक्ष का इस बारे पक्ष नहीं मिला है, लेकिन उपलब्ध होने पर इसे प्रकाशित किया जाएगा। बहरहाल, सोशल मीडिया में अंजना शर्मा की तस्वीरों को जमकर ट्रोल किया जा रहा था। सोशल मीडिया के यूजर्स उन पर सौदेबाजी तक का आरोप लगाने लगे। इसकी शुरूआत कैसे हुई, इस बारे कहना कुछ मुश्किल है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने ही सुबह इस बात का खुलासा कर दिया था कि भाजपा 9 सदस्यों का आंकड़ा लेकर सभागृह पहुंची है। नव नियुक्त उपाध्यक्ष को कड़ी सुरक्षा के बीच लाया गया था। भाजपा के दिग्गज नेता उन्हें पकड़ कर आगे ले जाते भी नजर आए।
पंचायतीराज के चुनाव में ऐसी तस्वीरें शायद समूचे हिमाचल में ही पहली बार आई हों। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने तो मौके पर ही मीडिया के समक्ष अपने ब्यान में चुनावी तौर तरीके की कड़े शब्दों में निंदा की थी। कांग्रेसी नेताओं ने कहा था कि 30 जनवरी को शपथ का कार्यक्रम रखा गया था, लेकिन उस दिन चुनाव की पहली बैठक नहीं रखी गई। इसके लिए भी सतारूढ़ भाजपा को एक फरवरी तक मौका दिया गया। जब इस बैठक में भी कोरम पूरा नहीं हुआ तो इस बैठक को 6 फरवरी तक स्थगित कर दिया गया था, ताकि सौदेबाजी का मौका मिल सके।
विधायक व कांग्रेस के शीर्ष नेता हर्षवर्धन चैहान ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनाव में हर मशीनरी का इस्तेमाल किया, लेकिन ये जरूर समझ लेना चाहिए कि जनताा बेवकूफ नहीं है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने 9 सदस्यों के बहुमत से जुड़ी एक तस्वीर को शेयर किया था। इसमें साफ तौर पर अंजना शर्मा भी कांग्रेस के पाले में नजर आई थी।