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ट्रैफिक के बोझ तले दबता जा रहा नाहन शहर, टनल का विकल्प क्यों नहीं…रखें राय

February 15, 2021 by MBM News Network 3 Comments

नाहन, 15 फरवरी : करीब डेढ़ दशक से शहर के बाईपास का मामला चल रहा है। धरातल पर कुछ भी व्यवहारिक होता नजर नहीं आ रहा। नगर निकाय के चुनाव से पहले शहर को सड़कों के किनारे पार्क मिले। इसके लिए खास तरह का एक नारा ‘‘मेरा नाहन बदल रहा है’’ भी दिया गया। मगर विडंबना यह है कि इन पार्कों तक पहुंचना बच्चों व बूढ़ों के लिए आसान नहीं है, क्योंकि संकीर्ण सड़कों को पार करना बेहद जोखिमपूर्ण है। खैर, विकास तो विकास ही है।

ट्रैफिक के बोझ तले दबता जा रहा नाहन शहर, टनल का विकल्प क्यों नहीं...रखें राय
नाहन में जाम में पैदल चलने को भी नहीं होती जगह

सवाल इस बात पर उठता है कि शहरवासियों को सुरक्षित रखने के मकसद से क्या कदम उठाए जा रहे हैं। बाईपास के निर्माण की बात तो अब लोगों ने करनी भी छोड़ दी है। शहर की सड़कें बढ़ते ट्रैफिक के कारण अब गली सी नजर आती हैं।

करीब 6 से 7 साल पहले लोक निर्माण विभाग ने शहर के ट्रैफिक का बोझ कम करने के मकसद से एक टनल के निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया था। ये प्रस्ताव चीफ इंजीनियर स्तर तक भी पहुंचा, मगर खटाई में डाल दिया गया।

 एक तर्क यह दिया जाता था कि टनल के लिए संरचना उपयुक्त नहीं है। मगर कहीं न कहीं शहरवासियों के जहन में संशय जरूर है कि जब रोहतांग दर्रे के नीचे अटल टनल का निर्माण संभव हो सकता है तो नाहन शहर को बाईपास करने के लिए सुरंग क्यों नहीं बन सकती।

कालका-शिमला फोरलेन पर भी सुरंगों का निर्माण हो रहा है। यहां तक की जहां सुरंग संभव नहीं है, वहां इंजीनियरिंग के कई अन्य माॅडल्स को अपनाया जा रहा है। अलबत्ता इतना तय है कि अगर 6-7 साल पहले ही सुरंग के विकल्प को स्वीकार कर लिया जाता तो इस समय मौजूदा जयराम सरकार इसके लोकापर्ण की तैयारी कर रही होती या फिर कर चुकी होती।

दीगर है कि शहर में सड़क की चौड़ाई सिंगल लेन भी बमुश्किल नजर आती है, लेकिन इस पर डबल लेन का ट्रैफिक चलता है। बता दें कि देहरादून से शिमला का वाया नाहन ही शार्ट रूट है। इसी कारण दो राज्यों की राजधानी का ट्रैफिक भी गुजरता है। यही नहीं, शिमला व श्री रेणुका जी की तरफ जाने वाला हैवी ट्रैफिक भी संकीर्ण सड़क से ही गुजरता है।

हैरान कर देने वाली बात यह है कि ये तमाम बिन्दू राजनीतिज्ञों के अलावा प्रशासन को क्यों नजर नहीं आते। कारमल कान्वेंट स्कूल के सामने अक्सर ही भारी वाहनों की ब्रेकें फेल हो जाती हैं, लेकिन मजाल है कि कोई कुछ बोले या फिर कोई प्रतिक्रिया जाहिर करे।

Filed Under: मुख्य समाचार, सिरमौर, हिमाचल प्रदेश Tagged With: Himachal News In Hindi, Sirmour news



Reader Interactions

Comments

  1. Satish says

    February 15, 2021 at 3:35 pm

    If tunnel,or by pass is not ppssible,flyover can be another alternate

    Reply
  2. हितेन says

    February 15, 2021 at 8:15 pm

    अगर दूरगामी विचार किया जाए और बजट की परवाह न की जाए तो टनल ही बेहतर विकल्प है। क्योंकि पहले ये बने रोड की चौड़ाई बड़ाई नहीं जा सकती दूसरी और नाहन शहर की दोनों और ( कोर्ट रोड , व आर्मी एरिया ) में भी रोड के लिए पर्याप्त जगह नहीं है । एक और आर्मी की जमीन और साथ लगते गाँव की सड़क का विवाद पहले ही चल रहा है। दूसरी और यदि कोर्ट रोड की तरफ बाय पास रोड बनाए जाए तो यह नाहन की सुंदरता , जंगल, विला राउन्ड की शांति को खतम कर देगा । इस पर भी जायद लंबा घुमाव होगा साथ ही की सारे पेड़ काटने पड़ेंगे।
    सुरंग की बात की जाए तो बस स्टैन्ड की निचले एरिया हनुमान टेम्पल के पास से सुरंग बनाई जा सकती है जो बांकुवल के पास से निकाल कर सीधे शिमला रोड पर निकली जा सकती है।

    Reply
  3. Ashwani Thakur says

    February 17, 2021 at 3:52 pm

    Tunnel is the best option to ease the traffic load at Nahan . Govt must think over the possibily of this option . Making bypass from Shashervilla and from Army area possibility looks not fissible .

    Reply

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