शिमला, 6 फरवरी : तीन नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसान आज देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस कड़ी में राजधानी शिमला में वामपंथी संगठन सड़कों पर उतरकर चक्का जाम कर रहे हैं। वामपंथी संगठनों के नेता व कार्यकर्ता दोपहर 12:30 बजे विक्ट्री टनल में एकत्रित हुए। वे किसान बिल को वापस लेने की मांग के साथ ही सरकार विरोधी नारे लगा कर अपना विरोध कर रहे हैं। माकपा विधायक राकेश सिंघा और सीटू के राज्य अध्यक्ष विजेंदर मेहरा ने भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। प्रदर्शकारियों का कहना है कि ये विधेयक कृषि क्षेत्र को कॉर्पोरेट के हाथों में सौंपने की कोशिशों का हिस्सा है और यह किसान विरोधी कदम है।
चक्का जाम से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई। प्रदर्शनकारियों के विक्ट्री टनल के पास जुटने के कारण ओल्ड बस स्टेंड -न्यू बस स्टैंड सड़क और लक्कड़ बाजार-संजोली मार्ग पर वाहनों का लंबा जाम लग गया। बसों में सफर कर रहे लोगों को पैदल ही अपने गंतव्यों तक पहुंचना पड़ा।
इस बीच प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने किसान आंदोलन के समर्थन में सरकार की नीतियों की आलोचना की। कहा कि केन्द्र सरकार ने तीन नए कृषि कानून बनाकर खेती-किसानी को कॉरपोरेट कंपनियों का गुलाम बना दिया है। इसके खिलाफ देश के किसान आंदोलन कर रहे हैं। जबकि सरकार आंदोलकारी किसानों के प्रति हठधर्मिता का रवैया अपना रही है।