शिमला, 3 फरवरी : बीते दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा फर्जी डिग्री मामले में मानव भारती यूनिवर्सिटी के ऊपर कार्रवाई करते हुए 194 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। वहीं अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश में चल रहे अन्य निजी शिक्षण संस्थानों जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, पर भी कार्रवाई में तेजी लाने की मांग की है।
प्रदेश मंत्री विशाल वर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के ऊपर बहुत बड़ा कलंक है। यदि हिमाचल प्रदेश का कोई छात्र अन्य प्रदेश में पढ़ाई करने या नौकरी करने के उद्देश्य से जाएगा तो उसकी डिग्री को भी शक की नजर से ही देखा जाएगा। इस संदर्भ में MBU की तर्ज पर अन्य निजी शिक्षण संस्थानों में चल रहे फर्जीवाड़े व भ्रष्टाचार के ऊपर भी प्रशासन को कड़ी कार्रवाई अमल में लानी चाहिए।
कुछ दिन पहले नियामक आयोग द्वारा प्रदेश के लगभग आधा दर्जन निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य घोषित करते हुए उनपर कार्रवाई भी की गई थी। जो यह दर्शाता है कि प्रदेश में चल रहे निजी शिक्षण संस्थान किस प्रकार शिक्षा के साथ भद्दा मजाक करते हुए प्रदेश के छात्रों को लूटने का कार्य कर रहे हैं तथा शैक्षणिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि निजी विश्वविद्यालयों में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए गठित एसआईटी टीम की जांच में और तेजी लाई जाए। निजी शिक्षण संस्थानों में नियमों का उल्लंघन करने वाले व फर्जी डिग्रियां बेचने वाले दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।