हमीरपुर, 03 फरवरी : हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन की अगुवाई में नादौन में बिजली कर्मचारी, उपभोक्ता एवं पैनशनर्ज़ के संयुक्त मंच के वैनर तले बिजली संशोधन बिल 2021 को वापिस लेने की मांग को लेकर ज़ोरदार प्रदर्शन किया गया। इस दौरान केंद्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाज़ी की गई। इस अवसर पर बिजली क्षेत्र में रिक्त पदों को रैगुलर भर्ती के जरिए भरने, बढ़े हुए वर्क लोड के आधार पर नए पदों का सृजन करने, सभी आउट सोर्स कर्मचारियों को स्थायी नीति बनाकर बोर्ड के रैगुलर रोल पर लाने, 2014 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के सम्मान जनक पदोन्नति नियम बनाने, समान काम के लिए समान वेतन देने, पुरानी पैंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर इन्द्रपाल चौंक से लेकर पतन बाजार तक ज़ोरदार रैली निकाली। जिसमें 2000 से ज्यादा कर्मचारियों व उपभोक्ताओं ने भाग लिया।
एसडीएम नादौन के माध्यम से मुख्यमंत्री हि.प्र. को ज्ञापन भी दिया। पतन बाजार में रैली को संबोधित करते हुए बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कहा कि देश की आजादी के बाद, आम जनता को सरकारी खर्च पर या कम रेट पर बिजली जैसी बुनियादी सुविधा मुहैया करवाने और देश में औद्योगिक क्रांति लाने के लिए विद्युत आपूर्ति अधिनियम 1948 के तहत बिजली बोर्डों का गठन कर के पूरे देश में विद्युतीकरण की मुहिम को तीव्र गति से चलाया गया और हिमाचल बिजली बोर्ड ने सन् 1988 में सबसे पहले शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल किया। देश के अन्य राज्यों में भी इस लक्ष्य को हासिल किया। लेकिन आज बिजली जैसी महत्वपूर्ण विभाग को घाटे का सौदा बता कर बडे़ कॉरपोरेट घरानों के हवाले करने का प्रावधान किया जा रहा है। जिनका देश के विद्युतीकरण करने में शुन्य योगदान रहा है।
हालांकि प्रदेश विद्युत बोर्ड लिमिटेड पिछले तीन सालों से लगातार मुनाफ़ा अर्जित कर रहा है वहीं चंडीगढ़ में विद्युत विभाग द्वारा गत वित वर्ष में 355 करोड़ रूपये का मुनाफ़ा अर्जित किया था। और चालू वित वर्ष में 365करोड़ रूपये का मुनाफ़ा अर्जित करने का अनुमान है। इसी तरह विभिन्न राज्य की सरकारी कंपनियां बेहतर स्थिति में हैं लेकिन मात्र बड़े कॉर्पोरेट घरानों को ही फायदा पहुंचाने की गर्ज से निजीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली संशोधन विधेयक 2021 जिसको इसी चालू सत्र में पारित करवाने की तैयारी की जा रही है, के माध्यम से बिजली क्षेत्र की नीलामी का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। अगर यह बिल संसद में पारित हो जाता है तो बिजली पर बड़े कॉर्पोरेट घरानों का कब्ज़ा हो जाएगा।
इस कानून के अस्तित्व में आने से सब्सिडी व क्रॉस सब्सिडी खत्म हो जाएगी जिससे बिजली की दरों में कई गुणा बढ़ौतरी हो जाएगी और बिजली आम नागरिक की पहुंच से बाहर हो जाएगी और बड़े पैमाने पर कर्मचारियों व इंजीनियरों पर छंटनी की तलवार लटक जाएगी और पैंशनर्ज़ की पैंशन अदायगी पर भी सवालिया प्रश्नचिन्ह खड़ा होगा। खरवाड़ा ने कहा कि केन्द्र सरकार सार्वजनिक संस्थानों को देश के बड़े उधोगपतियों के हवाले करके देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात कर रही है। सार्वजनिक संस्थानों की नीलामी करने से देश पूंजीपति निर्भर तो बन सकता है लेकिन आत्मनिर्भर नहीं बन सकता है। उन्होंने नादौन में बिजली उपभोक्ताओं को भारी संख्या में रैली में भाग लेने के लिए धन्यवाद किया और भविष्य में भी व्यापक एक जुटता बनाए रखने की अपील की। इस अवसर पर संयुक्त मंच की संयोजक पंकज परमार, नीतीश भारद्वाज सहित अन्य प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया।