नाहन, 2 फरवरी : औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में सरकार के नकली होलोग्राम(Fake Hologram) की मदद से देसी शराब के उत्पादन का कथित हैरतअंगेज मामला सामने आया है। ऐसा भी माना जा रहा है कि हिमाचल में सरकार के राजस्व को मोटा चूना लगाने के मकसद से घटना को अंजाम दिया जा रहा होगा। हालांकि विभाग के अधिकारी कार्रवाई जारी होने का तर्क देकर स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे हैं, लेकिन सूत्रों का ये कहना है कि फैक्टरी से हजारों की संख्या में नकली होलोग्राम बरामद हुए हैं।
ऐसा भी बताया जा रहा है कि हिमाचल में इस तरह का मामला पहली बार सामने आया है। बीती शाम एक्साइज महकमे की स्थानीय टीम ने इस मामले में दबिश देनी शुरू की थी। इसके बाद एक्साइज महकमे के उड़नदस्ते की टीम सहायक आयुक्त अश्वनी कश्यप के नेतृत्व में आज कालाअंब व नाहन पहुंची। इस टीम में इंस्पेक्टर स्तर के तीन अधिकारी भी शामिल हैं।
जानकारों का कहना है कि नाहन के समीप कांशीवाला में एल-1 व एल-13 के गोदामों से देसी शराब संतरा ब्रांड की 30 पेटियां बरामद हुई हैं। इसमें नकली होलोग्राम का इस्तेमाल किया गया था। इतना भी तय है कि फैक्टरी से केवल 30 पेटियां ही इन गोदामों तक नहीं पहुंची होंगी। ऐसा साफ तौर पर प्रतीत हो रहा है कि बाकी पेटियों की सप्लाई ठेकों में की जा चुकी होगी।
अंतिम समाचार तक विभाग की टीमें इस मामले में कार्रवाई करने में लगी हुई थी। कार्रवाई को 20 घंटे से अधिक का वक्त हो चुका है। बता दें कि इससे पहले राजगढ़ क्षेत्र में शराब के कारोबार से सरकार के खजाने को करोड़ों रुपए का चूना लगाने के दो मामले सामने आए थे। पहले मामले में विभाग ने काफी हद तक रिकवरी कर ली थी। साथ ही एक इंस्पेक्टर को निलंबित किया था। जबकि दूसरे मामले में कार्रवाई को लेकर स्थिति साफ नहीं है। विभाग ने जांच के दौरान कहा था कि लाईसेंस रद्द किया जा सकता है। चंद रोज पहले ही पांवटा साहिब में हुंडई कार के नकली स्पेयर पार्टस बनाने का मामला भी सामने आया था।
होलोग्राम की अहमियत…
एक तरह से सरकार के होलोग्राम को करंसी के तौर पर भी माना जा सकता है। अगर सरकार के होलोग्राम को ही प्रिंट करवा लिया जाए तो दो तरीकों से सरकार के खजाने को चूना लगाया जा सकता है। पहला ये कि राॅ मैटीरियल गैर कानूनी तरीके से फैक्टरी में पहुंचेगा। दूसरा ये कि नकली होलोग्राम का इस्तेमाल कर बनाई गई शराब पर सरकार को टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
ये कह रहे हैं विभाग के अधिकारी…
फ्लाइंग स्कवाॅड (दक्षिण जोन) के अतिरिक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने माना कि दबिश दी गई है। उन्होंने कहा कि फ्लाइंग स्कवाॅड की टीम के पहुंचने से पहले ही जिला की टीम कार्रवाई कर चुकी थी। उन्होंने इस बात की पुष्टि अवश्य की कि दो गोदामों से 30 पेटियां बरामद हुई हैं।
इसी बीच उप आयुक्त (स्टेट टैक्सस व एक्साइज) प्रीत पाल ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में माना कि बीती देर शाम से कार्रवाई जारी है। उनका कहना था कि बरामद की गई हरेक बाॅटल के होलोग्राम को मैच करना बेहद ही जटिल प्रक्रिया है। इसके लिए मैग्नीफाइंग लैंस का भी इस्तेमाल हो रहा हैं। लिहाजा, अंतिम नतीजे पर पहुंचने में समय लगेगा। उन्होंने बताया कि एक्साइज एक्ट की धारा 43 के तहत कार्रवाई चल रही है।
ये भी सवाल…
शराब बनाने वाली हरेक फैक्टरी में एक्साइज महकमा स्थाई तौर पर इंस्पेक्टर की नियुक्ति करता है। इसमें उत्पादित शराब के अलावा राजस्व इत्यादि को लेकर जिम्मेदारी होती है। अब सवाल ये भी उठता है कि अगर फैक्टरी में नकली होलोग्राम का इस्तेमाल कर देसी शराब का उत्पादन हो रहा था तो इसकी भनक डयूटी करने वाले एक्साइज इंस्पेक्टर को क्यों नहीं लगी।
ऐसे हुआ खुलासा…
हालांकि, तस्दीक नहीं की जा रही है, लेकिन बताया जा रहा है कि पांवटा साहिब क्षेत्र में संतरा ब्रांड की देसी शराब को अवैध तरीके से बेहद ही सस्ते दामों पर बेचा जा रहा था। स्वाभाविक सी बात है कि कानूनी तरीके से कार्य करने वाले को इसकी जांच तो करनी ही थी। जब बोतलों का मिलान किया गया तो नकली होलोग्राम लगी बोतलों को सस्ते दामों पर बेचने का खुलासा हुआ। यहीं से मामला एक्साइज महकमे तक पहुंच गया। इसके बाद से विभाग में खलबली मची हुई है। जांच को लेकर पल-पल की सूचना शीर्ष अधिकारियों को भी दी जा रही है।
220 रुपए की बिकती है संतरा शराब…
देसी शराब संतरा की एक बोतल नाहन में 220 रुपए की बिक रही है। इस तरीके से अगर मोटे तौर पर माना जाए तो 220 में 80 से 110 रुपए के बीच सरकार का राजस्व हो सकता है। फैक्टरी से सीधे थोक गोदाम में शराब पहुंचती है। इसके बाद रिटेल एक्साइज डयूटी अदा करने के बाद ठेकों तक पहुंचने की अनुमति होती हैै। इस मामले में ये संशय भी है कि आखिर ये गोरखधंधा कब से चल रहा था। अनुमानित तौर पर नकली होलोग्राम के इस्तेमाल से सरकार को क्या-क्या नुक्सान पहुंचाया गया।