शिमला, 31 जनवरी : राजधानी शिमला में इस बार मौसम के तेवर बदले हुए हैं। हर साल जनवरी महीने में यह शहर बर्फ की सफेद चादर से ढका नजर आता था। जनवरी में अक्सर शिमला में बर्फबारी का नजारा देखने को मिलता है, जिसका लुत्फ़ उठाने के लिए सैलानी यहां खिंचे आते हैं। लेकिन इस बार यहां जनवरी महीने में बर्फ का नजारा देखने को नहीं मिला है। इस विख्यात पर्यटन स्थल में एक दशक बाद जनवरी का पूरा महीना बिना बर्फबारी के गुजर गया। साल 2010 के बाद यह पहला मौका है, जब जनवरी में शिमला शहर में बर्फबारी नहीं हुई है। बीते वर्ष शिमला में 96 सेंटीमीटर बर्फ गिरी थी।
शिमला में बीते 11 वर्षों के बर्फबारी के आंकड़ों पर नजर डालें तो जनवरी 2020 में यहां सर्वाधिक 96 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई। जनवरी 2019 में 70.4 सेंटीमीटर और जनवरी 2018 में 7 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज हुई थी। जनवरी 2017 में यहां 82.7 सेंटीमीटर बर्फबारी रिकार्ड की गई थी। वर्ष 2017 में 10 जनवरी को शिमला में हुए भारी हिमपात से यहां जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। 100 से अधिक पेड़ों के धराशायी होने से बिजली आपूर्ति कई दिनों तक ठप रही थी। इस विंटर सीजन में शिमला में 26 दिसंबर को पहला हिमपात हुआ था। लेकिन इसके बाद बर्फबारी के लिए लोगों को तरसना पड़ रहा है।
मौसम विभाग के मुताबिक शिमला की ही तरह पर्यटन स्थल मनाली में भी इस बार जनवरी माह में बर्फबारी नहीं हुई। मनाली में दो साल बाद जनवरी माह सूखा बीता है। इससे पहले वर्ष 2018 में मनाली में जनवरी महीना बिना बर्फबारी के गुजरा था।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में जनवरी 2021 में बारिश व बर्फबारी के दो अलग-अलग दौर हुए। किन्नौर के कल्पा में सबसे ज्यादा 106 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। इसी तरह लाहौल-स्पीति के केलंग में 62 सेंटीमीटर बर्फ गिरी। इस माह सामान्य से 58 फीसदी कम वर्षा हुई है। इस दौरान प्रदेश भर में महज 37.6 फीसदी बारिश दर्ज की गई। सभी 12 जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई। सर्वाधिक बर्फ किन्नौर के कल्पा में 71 संेटीमीटर गिरी। इसी तरह अधिकतम वर्षा 46 मिमी जिला बिलासपुर के घुमारवीं में दर्ज की गई।
मनमोहन सिंह ने कहा कि हिमाचल में दो साल बाद जनवरी में काफी कम बारिश हुई। इससे पहले जनवरी 2018 में राज्य में सिर्फ 9.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जो कि सामान्य से 91 फीसदी कम थी।