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हिमाचल के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में खतरा बन रहे हैं जंगली कुत्ते, पहली बार अध्ययन

January 31, 2021 by MBM News Network Leave a Comment

शिमला, 31 जनवरी : राज्य वन विभाग के वन्य प्रणाली प्रभाग ने भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण (जेडएसआई) कोलकाता के सहयोग से उच्च हिमाचल के लाहौल-पांगी परिदृश्य में जंगली कुत्तों के फैलाव, संख्या और उनके खाने के साधनों पर पहली बार अध्ययन किया है। यह अध्ययन भारत सरकार के वैश्विक पर्यावरण सुविधा-संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत वित्त पोषिण सिक्योर हिमालय परियोजना के तहत किया गया।  हिमाचल के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में खतरा बन रहे हैं जंगली कुत्ते, पहली बार अध्ययन

      मुख्य वन्य प्राणी संरक्षक एवं राज्य परियोजना निदेशक सिक्योर हिमालय परियोजना अर्चना शर्मा पूरे विश्व में जंगली कुत्तों का वन्य जीवों पर पड़ने वाले प्रभाव का पता लगाने के लिए बहुत कम अध्ययन किए गए हैं इसलिए इनकी वर्तमान जनसंख्या का पता लगाने एवं लाहौल-पांगी परिदृश्य में इनके प्रभाव का अध्ययन करने के लिए यह सर्वेक्षण किया गया।

       उन्होंने कहा कि उच्च हिमालय क्षेत्र महत्त्वपूर्ण वन्य जीवों जैसे बर्फानी तेंदुए का आवासीय क्षेत्र है। इन क्षेत्रों में जंगली कुत्ते जैव विविधता को हानि और वन्य जीवों की प्रजाति को कम करने के साथ-साथ बड़े शिकारी जानवरों जैसे बर्फानी तेंदुए के साथ प्रतिस्पर्धा का कारण बन रहे हैं जिस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

      भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण कोलकाता के वैज्ञानिक डा. ललित कुमार शर्मा ने बताया कि अध्ययन के दौरान कैमरा ट्रैप, बिना किसी हस्तक्षेप के ट्रैल सैम्पलिंग और प्रश्नावली के माध्यम से लाहौल-पांगी प्रदेशों में जंगली कुत्तों के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए प्रयोग की गई।

       सीसीआईआर माॅडल के आधार पर जंगली कुत्तों की जनसंख्या का घनत्व 2.78 प्रति 100 वर्ग किलोमीटर पाया गया जिसका औसत घनत्व लाहौल और पांगी परिदृश्य में 1.4 से 5.5 प्रति वर्ग किलोमीटर है।

ये है आहार….

   मुख्य अरण्यपाल वन्यजीव सिक्योर हिमालय परियोजना के राज्य नोडल अधिकारी अनिल ठाकुर ने बताया कि भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार जंगली कुत्तों के मल के अध्ययन से पता चलता है कि जंगली कुत्तों के आहार में मारमोट, भरल और जंगली चूहे या कृंतक प्रजातियां शामिल हैं लेकिन आहार का मुख्य अंश पालतु जानवर है जो इस प्रकार के अध्ययन के लिए मुख्य बिंदु है।

आबादी नियंत्रित…    

   जंगली कुत्तों की जनसंख्या का घनत्व क्षेत्र में इतना अधिक नहीं है, परन्तु जंगली कुत्तों की समस्या को कम करने के लिए हिमालय परितंत्र में योजना तैयार करने का यह सही समय है।  उन्होंने कहा कि भविष्य में जंगली कुत्तों को वन्य जीवों पर प्रभाव का पता लगाने के लिए लंबी अवधि के अध्ययन विभिन्न आंकलन प्रोटोकोल के तहत भी किए जा जाएंगे।

      राज्य परियोजना अधिकारी सिक्योर हिमालय परियोजना मनोज ठाकुर ने कहा कि इस अध्ययन के आधार पर वन विभाग हिमाचल प्रदेश और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) अन्य विभागों और स्थानीय समुदायों के संगठन भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण जंगली कुत्तों के प्रबंध के लिए प्रस्तावित सुझावों को लागू करने के लिए, जंगली कुत्तों की नसबंदी  और लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियां इस वर्ष मुख्य रूप से उच्च हिमालय क्षेत्रों में आरम्भ की जाएगी।

Filed Under: मुख्य समाचार, लाहौल और स्पीति, शिमला, हिमाचल प्रदेश Tagged With: himachal news, Shimla News



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