शिमला, 30 जनवरी : ट्राइबल इलाके में माइनस तापमान। कंपकंपाती ऐसी ठंड, कोई भी घर के दरवाजे से बाहर नहीं आना चाहता। ऐसी परिस्थितियों में 28-29 जनवरी की रात लाहौल-स्पीति पुलिस का जवान दीपक बरगुल गांव में अपने घर पर नववर्ष का त्यौहार हालड़ा मनाने के मकसद से पहुंचा हुआ था। इसी बीच रात 10 बजे के आसपास उसे सूचना मिलती है कि मजदूरी करने वाली एक महिला की प्रसव पीड़ा का बांध टूट रहा है।
इंसानियत का परिचय देते हुए कांस्टेबल दीपक ने गर्भवती महिला को केलांग अस्पताल पहुंचाने का फैसला ले लिया। इसके लिए अपनी निजी जिप्सी का इस्तेमाल किया। रात 10 बजे के आसपास बर्फ से लकदक कच्ची सड़क पर साहसिक ड्राईविंग के जरिए गर्भवती महिला को लेकर मुख्य सड़क तक पहुंचे। इसके बाद डेढ़ घंटे का सफर अस्पताल पहुंचने का था। चूंकि कांस्टेबल दीपक निष्काम भाव से सेवा में लगे थे, लिहाजा कायनात ने भी साथ देना ही था। हालड़ा उत्सव छोड़कर कांस्टेबल के सिर पर एक ही फितूर सवार था कि किसी तरह महिला को अस्पताल पहुंचा दे। मेहनत उस वक्त रंग लाई, जब प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला ने अस्पताल पहुंचने के बाद एक बेटे को जन्म दिया।
गौरतलब है कि लाहौल-स्पीति पुलिस में कांस्टेबल दीपक इस समय साइबर सैल में तैनात है। बरगुल गांव के रहने वाले पुलिस कांस्टेबल दीपक की मानवता के कारण दो अनमोल जीवन सुरक्षित बच पाए हैं। हिमाचल पुलिस ने भी कांस्टेबल के इस सेवाभाव की प्रशंसा की है।