शिमला, 30 जनवरी: सोलन जिला के मानव भारती यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री प्रकरण को लेकर कई नई बातें सामने आई हैं। इस मामले की जांच कर रही हिमाचल पुलिस की एसआईटी ने अपनी जांच में पाया है कि इस निजी यूनिवर्सिटी मानव भारती ने 36 हजार फजी डिग्रियां विभिन्न राज्यों में लोगों को मोटे दामों पर बेची हैं। एसआईटी की जांच के अनुसार मानव भारती यूनिवर्सिटी ने करीब 41 हजार डिग्रियां बांटी, जिनमें से जांच में करीब पांच हजार डिग्रियों को रेगुलेटरी आथोरिटी ने सही बताया है। इस तरह करीब 36 हजार डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं।
फर्जीवाड़े का यह खेल कई राज्यों में चला हुआ था। इस प्रकरण को लेकर हिमाचल पुलिस की एसआईटी ने 17 राज्यों में जांच कर रही है। एसआईटी अब यह देख रही है कि युनिवर्सिटी आखिर कैसी बनी है। अभी तक की जांच का केंद्र बिंदू फर्जी डिग्रियां बेचने का था, मगर अब इसके गठन को लेकर भी जांच की जा रही है। इस मामले में एसआईटी एफआईआर दर्ज कर सकती है। शनिवार को शिमला में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए संजय कुंडू ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में मानव भारती युनिवर्सिटी खोलने को मंजूरी 2009 में दी गई थी।
संजय कुंडू ने कहा कि जांच में कई अहम सुराग एसआईटी को मिले हैं। मामले में गत वर्ष सोलन के धर्मपुर थाने में तीन एफआईआर दर्ज की थी। अब तक इस मामले में एसआईटी ने अब तक 275 से पूछताछ की और राजकुमार राणा समेत कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें दो न्यायिक हिरासत में है। डीजीपी ने यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी ने डिग्री के फर्जीवाड़े का काफी रिकार्ड नष्ट कर दिया है। इसके बावजूद एसआईटी को जांच के दौरान 55 हार्ड डिस्क मिलीं, इनमें से 14 हार्ड डिस्क की जांच पूरी कर ली गई हैं।
डीजीपी ने कहा है कि एसआईटी ने इस पूरे मामले की हर पहलू से जांच की है। जांच के दौरान अभी तक मानव भारती ट्रस्ट की 440 करोड़ की संपत्तियां पाई गई हैं। बता दें कि ईडी ने शुक्रवार शाम टवीट् कर इस बात का खुलासा किया था कि मानव भारती के चेयरमैन राजकुमार राणा की हिमाचल व राजस्थान में 194.17 करोड़ की संपत्ति को अटैच कर लिया गया है।