शिमला, 28 जनवरी : हिमाचल के विजिलेंस एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो ने वाहनों को किराए पर देने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में मुख्य आरोपी व मास्टरमाइंड रणजीत सिंह कंग को पंजाब के जालंधर से गिरफ्तार कर लिया है। होशियार निवासी रणजीत सिंह दो सालों से विजिलेंस को चकमा दे रहा था। विजिलेंस से बचने के लिए यह 2019 से फरार था। इसके कई ठिकानों पर कई बार दबिश दी गई लेकिन वह हाथ नहीं लग पाया था। विजिलेंस ने उसकी धड़ पकड़ के लिए लुक आउट नोटिस भी जारी किया था। इसके अलावा आरोपित रणजीत सिंह कंग का सुराग देने वाले को इनाम की भी घोषणा की थी। विजिलेंस इस मामले के सभी आरोपियों को काबू कर चुकी है। वहीं 7 वाहनों को भी जब्त किया है।
रणजीत सिंह वाहनों को किराए पर देने के नाम पर प्रदेश में अंतर्राज्यीय गिरोह चला रहा था। गिरोह के सदस्य लोगों से वाहनों को खरीदने की सलाह देते थे। इन वाहनों को निजी कंपनियों में किराए पर देने का झांसा देते थे। कई लोगों ने इसके आधार पर कंपनियों से गाड़ियां फाइनेंस करवाई। बाद में खुलासा हुआ कि यह गाड़ियां कंपनियों के कार्यालयों में तो किराए पर नहीं दी गई लेकिन इन्हें बाहरी राज्यों में गिरोह के सदस्यों ने सस्ते दामों पर आगे बेच दिया। कई ऐसे वाहनों को बाहरी राज्यों से बरामद किया गया।
सनद रहे कि विजिलेंस ने साल 2019 में धोखाधड़ी से जुड़े इस मामले में दो अलग-अलग एफ़आईआर दर्ज की थी। इसके अलावा सोलन के विजिलेंस थाने में भी एफ़आईआर दर्ज हुई थी। इन मामलों में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
पहले इसकी शिकायत सोलन पुलिस से की गई, कार्रवाई नहीं हुई, इसके बाद शिकायतकर्ता मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गए थे। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश के बाद विजिलेंस ने इस शिकायत को हाथों में लिया और मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।