नाहन, 26 जनवरी : आखिरकार कांग्रेस ने बागपशोग सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीती नीलम शर्मा का समर्थन जुटा लिया है। इसके बाद कांग्रेस के पाले में जिला परिषद के सदस्यों का आंकड़ा नौ हो गया है। हालांकि इस सियासत पर सुबह से ही चर्चा चल रही थी, लेकिन इस पर उस देर शाम उस समय मुहर लग गई, जब शिलाई व रेणुका जी के विधायकों ने 9 सदस्यों की संयुक्त तस्वीर को सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिया।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये तस्वीर कहां खींची गई है, लेकिन माना जा रहा है कि जिला परिषद सदस्यों की यह तस्वीर शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान के नाहन स्थित आवास की है। उधर पुख्ता जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने इस बात को ध्यान रखा है कि भाजपा को उसी की रणनीति के तहत जवाब दिया जाएगा। इसी के मद्देनजर कांग्रेस ने भी अपने जिला परिषद के 9 सदस्यों को भूमिगत कर दिया है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने शाम को कांग्रेस के जिला परिषद के 2 सदस्यों से बात करने का प्रयास किया गया था। इस दौरान दोनों के ही मोबाइल स्विच ऑफ पाए जा रहे थे। यहां तक की निर्दलीय प्रत्याशी नीलम शर्मा के पति का फोन भी नहीं मिला। यही से जाहिर हो रहा था कि कांग्रेस ने नीलम शर्मा को अपने पाले में ले लिया है। सोमवार देर शाम राजगढ़ क्षेत्र के एक जिला परिषद सदस्य के नाहन पहुंचने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। कहा जा रहा था कि वह पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर के काफिले के साथ ही नाहन पहुंचे। ये इत्तफाक ही था कि वो मंत्री के साथ ही नाहन पहुंचे थे। लेकिन अब तस्वीर साफ हो गई है। कांग्रेस के विनय भगनाल को कांग्रेस की नीति के मुताबिक ही नाहन बुलाया गया था।
कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस ने जिला परिषद के तमाम सदस्यों को प्रदेश से बाहर भेज दिया है। जिला परिषद के निर्वाचित सदस्यों की शपथ 30 जनवरी को रखी गई है। इसको लेकर चर्चा है कि अगर कोई शक हुआ तो कांग्रेस समर्थित सदस्य इससे भी किनारा कर सकते हैं। उधर भाजपा के खेमे में भी जिला परिषद की सियासत चल रही है। बताया जा रहा है कि सत्तारूढ़ राजनीतिक दल ने काफी प्रयास किए हैं, लेकिन बात बनती नजर नहीं आ रही। बीजेपी के लिए परेशानी यह भी थी कि अगर निर्दलीय सीट जीती नीलम शर्मा को चेयरपर्सन बनाया जाता है तो संगड़ाह वार्ड से जीती सीमा कन्याल भी बगावत कर सकती है। अलबत्ता काफी हद तक यह तय माना जा रहा है कि जिला परिषद में बहुमत साबित होने की स्थिति में बागपशोग कि नीलम शर्मा ही सिरमौर की अगली चेयरपर्सन होंगी।
कांग्रेस के सामने अपने 9 पार्षदों को बहुमत साबित होने तक संगठित रखने की बड़ी चुनौती है। भाजपा में बनकला वार्ड से भी ओबीसी महिला चुनाव जीती है। दीगर है कि सिरमौर में जिला परिषद के चेयरपर्सन का पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। यही कारण था कि ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने माजरा वार्ड से ओबीसी महिला को मैदान में उतारा था, जबकि यह सीट महिला के लिए आरक्षित थी। वहीं बागपशोग सीट पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने भी अपने करीबी को टिकट दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी।
इसके अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने बनकला सीट से भी ओबीसी महिला को चुनाव लड़वाया ताकि समीकरण बनने पर जिला परिषद की हॉट सीट अपने हिस्से आ जाए। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि भाजपा की बात ने पार्टी को सत्ता से एक कदम पीछे धकेल दिया। उधर कांग्रेस के खेमे में भी भगाणी वार्ड से जीती महिला का संबंध ओबीसी से बताया जा रहा है।
उधर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष कंवर अजय बहादुर सिंह ने केवल इतना कहा कि जो भी होगा सही होगा। उन्होंने माना कि निर्दलीय प्रत्याशी का समर्थन कांग्रेस को मिल गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा द्वारा उनके सदस्यों पर गोपनीय तरीके से नजर रखने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन पार्टी के तमाम लोग संगठित हैं।
सवाल उठता है कि जब कांग्रेस ने दिन में ही तमाम गोटियां फिट कर ली थी, तो जिला परिषद के नव निर्वाचित 9 सदस्यों को मीडिया के समक्ष लाकर बहुमत का दावा क्यों नहीं किया गया…? रात 8 बजे के बाद विधायक हर्षवर्धन चौहान व विनय कुमार ने तस्वीरें जारी कर दी। इस प्रश्न का जवाब एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने तलाशने की कोशिश की। अधिकारिक तौर पर तो कोई भी नेता बोलने को तैयार नहीं था, लेकिन माना जा रहा था कि तमाम सदस्यों के ठिकाने पर पहुंचने के बाद ही इस बात को सार्वजनिक किया जाए ताकि सत्तारूढ़ राजनीतिक द्वारा कोई मुश्किल न पैदा की जा सके। इन परिस्थितियों में यह माना जा सकता है कि नवनिर्वाचित सदस्यों के सुरक्षित जगह पहुंचने के बाद ही बहुमत का खुलासा किया गया।