नाहन, 25 जनवरी : हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा जारी एलाइड परीक्षा (Allied Exam) के नतीजे में सिरमौर के युवाओं ने अपनी काबलियत का डंका बजाया है। फ़ेहरिस्त में दो युवक भी शामिल हुए हैं। ट्रांसगिरी क्षेत्र में पत्थर तोड़ने वाले पिता का बेटा पंकज चौहान बगैर कोचिंग (Without Coaching) के ऑडिट इंस्पेक्टर बन गया है। 21 साल की उम्र में यह सफलता पाई है। वहीं कोलर के एक युवक ने एक साथ ही नगर पंचायत के कार्यकारी अधिकारी व एक्साइज इंस्पेक्टर (Excise Inspector) के पद पर सफलता पाई है।
कोलर के दिग्विजय सिंह लबाणा
पावंटा साहिब उपमंडल के कोलर गांव के दिग्विजय सिंह लबाणा ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अपनी काबलियत का डंका बजाया है। उनका चयन नगर पंचायत सचिव के साथ-साथ एक्साइज इंस्पेक्टर के लिए हुआ है। गांव वासियों ने इस सफलता पर दिग्विजय को बधाई दी है। आइटीबीपी में एएसआई के पद से रिटायर पिता भी बेटे की सफलता पर बेहद ही खुश हैं। वहीं शिक्षक माता की खुशी का भी कोई ठिकाना नहीं है। मौजूदा में दिग्विजय प्रदेश सचिवालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है। कोलर गांव के लोग दिग्विजय की सफलता से काफी उत्साहित हैं।
बनोर के पंकज चौहान
चूना खदान में पत्थर तोड़ कर गुजर-बसर करने वाले जोगीराम के बेटे ने 21 साल की उम्र में ऑडिट इंस्पेक्टर का पद हासिल किया है। 26 जून 1999 को जन्मे पंकज चौहान ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई नाहन में जवाहर नवोदय विद्यालय से पूरी की। इसके बाद पीजी कॉलेज से ग्रेजुएशन की शिक्षा हासिल।
चूंकि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। लिहाजा पंकज ने सेल्फ स्टडी का निर्णय लिया था। लॉकडाउन के दौरान 3 महीने तक नाहन में खुद को एक कमरे में बंद कर परीक्षा की तैयारी की। इस समय पटवारी की ट्रेनिंग ले रहे हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो में पंकज का चयन हुआ था, लेकिन साक्षात्कार में सफलता नहीं मिली।
माता आशा देवी अपने बेटे की सफलता पर बेहद ही प्रसन्न है। सफलता के बाद पंकज ने कहा कि वह आगे भी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करते रहेंगे। शुरुआत पटवारी की परीक्षा से हुई, अगर मेहनत बरकरार रही तो निश्चय ही शीर्ष पद हासिल करेंगे।