घुमारवीं, 25 जनवरी : हिमाचल में पंचायती राज चुनाव के दौरान एक बजुर्ग महिला वोट का इस्तेमाल करती है। आधार कार्ड के मुताबिक महिला का जन्म 1890 में हुआ। इसके बाद ये माना जाने लगा कि विश्व की सबसे उम्रदराज महिला हिमाचल में रहती है। लेकिन अब जांच में खुलासा हुआ है कि असल में महिला 1913 में जन्मी है।
उपमंडल के पपलाह पंचायत में महिला के जन्म से जुड़े दस्तावेज़ों की जांच में पाया गया कि महिला की आयु 103 वर्ष है। प्रशासन के मुताबिक क्लेरिकल मिस्टेक के चलते आधार कार्ड में जन्म आयु गलत दर्ज की गई थी। प्रशासन ने महिला के परिवार से जुड़े सदस्यों के दस्तावेज़ों की भी जांच की, जिसके अनुसार भी महिला की आयु 103 वर्ष तक बनती है। एसडीएम घुमारवीं शशि पाल शर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि ज़िलाधीश ने महिला के दस्तावेज़ जांच के आदेश दिए थे, जिस पर उन्होंने बुजुर्ग महिला के दस्तावेज़ों की जांच की।
जांच में पाया गया कि परिवार रजिस्टर में महिला का जन्म वर्ष 1917 है। इसके मुताबिक महिला की उम्र 103 वर्ष है। उन्होंने बताया किआयु को दो पहलुओं से देखा गया। एक परिवार रजिस्टर और दूसरा बच्चों की आयु। उन्होंने कहा कि 1890 के हिसाब से देखा जाए तो महिला के छोटे बेटे का जन्म महिला की 60 वर्ष की उम्र में हुआ है। उन्होंने बताया कि महिला के परिजन भी उनकी आयु को लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं दे सके।
आधार कार्ड में बुजुर्ग महिला की उम्र 130 वर्ष है और जन्म तिथि वर्ष 1890 है। इसका पता तब चला जब महिला पपलाह गांव में पंचायत चुनाव के दौरान वोट डालने पहुंची। महिला का नाम मंशा देवी है। ज़िलाधीश ने मामले की छानबीन के लिए एसडीएम घुमारवीं को ज़िम्मा सौंपा। रविवार को एसडीएम घुमारवीं ने मामले की छानबीन की, जिसमें पाया गया कि परिवार रजिस्टर में महिला की जन्म तिथि वर्ष 1917 दर्ज है। इसके अनुसार महिला 103 वर्ष की है।
एसडीएम ने बताया कि त्रुटि के कारण महिला के आधार कार्ड पर जन्म वर्ष गलत दर्ज हुआ है। तथ्यों को जोड़ कर और परिवार रजिस्टर के अनुसार महिला की जन्म तिथि 1917 दर्ज है। बुजुर्ग महिला के बच्चों के प्रमाण पत्रों की भी जांच की गई, महिला के 9 बच्चे थे। जिसके मुताबिक भी महिला की आयु 103 वर्ष बनती है।