पावंटा साहिब /सचिन ओबराय
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल की संयुक्त उम्मीदवार पुष्पा चौधरी चुनाव हार गई हैं। पूर्व बीडीसी चेयरपर्सन पुष्पा चौधरी को इस बार भाजपा ने अपने जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में प्रोजेक्ट किया था।
बता दें कि चुनाव हारी पुष्पा चौधरी को ऊर्जा मंत्री का करीबी रिश्तेदार भी बताया जा रहा है। माजरा सीट पर कांग्रेस की अमृत कौर ने 2466 मतों से जीत हासिल की है। हालांकि माजरा वार्ड महिला के लिए आरक्षित था, लेकिन हॉट-सीट का आरक्षण देखते हुए भाजपा के दिग्गज नेताओं ने ओबीसी से ताल्लुक रखने वाली पुष्पा चौधरी को ही चुनाव लड़ाने का फैसला किया था। 17 सीटों वाली जिला परिषद में केवल संगड़ाह वार्ड को ही ओबीसी की महिला के लिए आरक्षित किया था। वह सीट भाजपा ने जीत ली है।
अंतिम समाचार के मुताबिक जिला परिषद के 16 वार्डों के नतीजे आ चुके हैं। इसमें से भाजपा 8 व कांग्रेस की 7 सीटें हैं। जबकि एक निर्दलीय है। बागपशोग से जीती निर्दलीय प्रत्याशी नीलम शर्मा का ताल्लुक भी ओबीसी से है। यहां यह बताना भी जरूरी है कि माजरा वार्ड का 50 फ़ीसदी हिस्सा नाहन निर्वाचन क्षेत्र में आता है, जबकि बाकी इलाका पांवटा साहिब विधानसभा का है। हालांकि नाहन हल्के में भाजपा पहले ही दो जिला परिषद की सीटों को जीत चुकी है, लेकिन नजरें माजरा व रामपुर भारापुर सीट पर भी टिकी हुई थी। रामपुर भारापुर का नतीजा जारी होने के बाद पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी।
गौरतलब है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप के करीबी परिवार से ताल्लुक रखने वाली ललिता शर्मा भी चुनाव हार गई हैं। वह भी ओबीसी से ही संबंध रखती हैं। यानी साफ हो रहा है कि पार्टी के नेताओं ने अपने-अपने स्तर पर भी हॉट-सीट के लिए गोटियां फिट की हुई थी, मगर ऊर्जा मंत्री व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के संयुक्त कैंडिडेट की हार कई मायनों में अहम है। दीगर है कि रामपुर भारापुर में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई थी। इसी कारण प्रथम चरण के मतदान में भाजपा को काफी बड़ा झटका लगा था।