सराहां/तरुण खुराना
कहते हैं, जब नीयत व नियती साफ हो तो कायनात भी आपका साथ देती है। बेशक ही राजनीति में अनैतिक तरीकों का भी इस्तेमाल होता हो, लेकिन पच्छाद की बागपशोग सीट पर निजी स्कूल चला रही नीलम शर्मा ने नीयत व नियती के बूते ही कांग्रेस व भाजपा को हरा कर जिला परिषद की सीट में 72 मतों के अंतर से सफलता अर्जित की है। यही नहीं, देवरानी हाईकोर्ट में एडवोकेट अरुणा शर्मा ने बनाह धिन्नी पंचायत से प्रधान पद पर 816 वोट हासिल कर एकतरफा जीत हासिल की है।
मूलतः काहन क्याना की रहने वाली नीलम शर्मा (35) राजनीतिक विज्ञान व समाजशास्त्र में पोस्ट ग्रैजुएशन के साथ-साथ बीएड की शिक्षा हासिल की है। इस सीट को बीजेपी ने हाॅट सीट भी माना था। इसका कारण ये था कि भाजपा की ललिता शर्मा जीतने के बाद जिला परिषद की चेयरपर्सन भी हो सकती थी। इसका कारण ये भी था कि वो भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप की करीबी हैं। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में बतौर आजाद उम्मीदवार जीती नीलम शर्मा ने कहा कि 17 पंचायतों वाले जिला परिषद के इस वार्ड में वो घर-घर गई। जीत को लेकर आश्वस्त तो थी, लेकिन कहीं न कहीं मन में एक संशय था कि सामने भाजपा व कांग्रेस के धुरंधर मैदान में थे।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे थे कि एक परिवार से दो महिलाओं को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए, मगर असल मतदाताओं ने जीत का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि पंचायतीराज संस्थाएं विकास में एक रीढ़ की हड्डी होती हैं। लिहाजा, जनता की आकांक्षाओं की कसौटी पर उतरने का प्रयास करेंगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कभी भी भाजपा की सदस्यता नहीं ली। ये बात उनकी समझ से परे है कि चुनाव के दौरान किन लोगों ने उन्हें भाजपा से निष्कासित करने से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट किया था। उनका कहना था कि मायके या फिर ससुराल पक्ष से पहले कोई भी राजनीति में नहीं था।
ऐसे खुल सकती है लाॅटरी…
दरअसल, सिरमौर में जिला परिषद की अध्यक्षा का पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। बीजेपी की प्रत्याशी ललिता शर्मा भी इसी वर्ग से संबंध रखती हैं। एक सवाल के जवाब में नीलम शर्मा ने कहा कि वो भी ओबीसी वर्ग से हैं। यही कारण माना जा रहा है कि कांग्रेस को बहुमत मिलने की स्थिति में नीलम शर्मा का रुझान कांग्रेस की तरफ हो सकता है। भाजपा में संगड़ाह सीट की विजयी प्रत्याशी सीमा कन्याल को अब तक हाॅट सीट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
ऐसे जीती चुनाव…
बागपशोग सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय रहा। कांटे की टक्कर में नीलम शर्मा ने कांग्रेस की निकटतम प्रत्याशी पूनम ठाकुर को 72 मतों से हराया। नीलम को 6058 मत प्राप्त हुए, जबकि निकटतम प्रत्याशी पूनम ठाकुर को 5986 मत मिले। वहीं, भाजपा की ललिता शर्मा को 4991 मतों पर संतोष करना पड़ा। कुल वैध मत 17,035 रहे। 200 मतों को रिजेक्ट घोषित किया गया। 203 नोटा के हिस्से में आए हैं।
शनिवार दोपहर तक सिरमौर में जिला परिषद के 11 नतीजे घोषित हुए थे। इसमें से कांग्रेस व भाजपा का स्कोर 5-5 रहा। पांवटा साहिब में मतगणना जारी थी। रात तक ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। अगर भाजपा बाकी 6 सीटों में से 4 से कम रही तो भी नीलम शर्मा को चेयरपर्सन का ऑफर दिया जा सकता है। यही समीकरण कांग्रेस में भी बन सकते हैं। अब देखना ये है कि बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीती नीलम शर्मा किस्मत की बाजीगर बन पाती हैं या नहीं।