नाहन, 23 जनवरी : हिमाचल प्रदेश के निर्माता डॉ वाईएस परमार के पोते ने नारग वार्ड से जिला परिषद का चुनाव जीत लिया है। परमार ने शानदार जीत अर्जित करते हुए एक तरफ से मुकाबले में सुभाष शर्मा को हराया।
कांग्रेस प्रत्याशी आनंद परमार को 7395 मत हासिल हुए। उन्होंने वैध मतों(Valid Votes) में से लगभग 53 फीसदी वोट हांसिल किए। जबकि निकटतम प्रत्याशी सुभाष शर्मा ने 4190 वोट हासिल की। इसके अलावा नरवीर सिंह को 1832 मत प्राप्त हुए वहीं रंगी राम को 667 मत मिले।
लंबे अरसे तक राजनीति में सक्रिय रहे डॉक्टर परमार के बेटे कुश परमार ने हालांकि कभी भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने का ऐलान नहीं किया, लेकिन उनके बेटे चेतन परिवार ने अपने समर्थकों के साथ डॉक्टर बिंदल के नेतृत्व में भाजपा का दामन थाम लिया था। लिहाजा इसके बाद से डॉ वाईएस परमार के परिवार में कोई भी सक्रिय राजनीति में नहीं था।
कांग्रेस ने 2017 में कुछ परमार का टिकट बदलकर अजय सोलंकी को दिया था। यही कारण माने गए थे कि डॉ वाईएस परमार के बेटे कुश परमार ने कांग्रेस से नाराजगी में दूरी बना ली। हालांकि चेतन परमार ने भाजपा की सदस्यता हासिल की थी, लेकिन वह भी सक्रिय राजनीति में नजर नहीं आते। अलबत्ता इस बात पर नजर टिकी हुई थी कि तीसरी पीढ़ी में आनंद परमार जीत हासिल करते हैं या नहीं, वह प्रदेश निर्माता के पौत्र हैं।
बता दें कि प्रदेश निर्माता के चार बेटे हैं। इसमें सबसे बडे़ बेटे जीत परमार व दूसरे नंबर के जय पाल सिंह परमार का निधन हो चुका है। तीसरे नंबर पर लव परमार(Luv Parmar) अपने पिता के पैतृक घर की देखरेख की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं, जबकि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सबसे छोटे बेटे कुश परमार (Kush Parmar) ने सक्रिय तौर पर राजनीति (Politics) न कर सन्यास ही ले लिया है। दीगर है कि डाॅ. परमार की दो बेटियां उर्मिल व प्रोमिला जम्वाल हैं। प्रोमिला जम्वाल का निधन हो चुका है।
प्रदेश निर्माता की तीसरी पीढी में अब तक सक्रिय राजनीति में कोई नहीं था।