पांवटा साहिब/सचिन ओबराय
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी के घर में भाजपा ने जोड़-तोड़ की राजनीति के बूते पांवटा साहिब की नगर परिषद की सत्ता पर कब्जा किया है। दरअसल, निर्दलीय पार्षद मीनू गुप्ता के हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद बीजेपी को सातवां पार्षद तलाशने के लिए जुगत लगानी पड़ रही थी। आखिरकार कांग्रेस के कैंप में सेंध लगाकर जिला सिरमौर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रहे ओपी कटारिया को वाइस चेयरमैन बनाने के लिए समझौता करना पड़ा। खैर, अध्यक्ष के लिए निर्मल कौर को 8 मत हासिल हुए, जबकि कांग्रेस के समर्थन से मधुकर डोगरी को 5 वोट हासिल हुए।
वहीं, उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के पाले से भाजपा में आए ओम प्रकाश कटारिया को 7 मत प्राप्त हुए, जबकि रविंद्र पाल सिंह कथूरिया को 6 वोट मिले। 2 निर्दलीय प्रत्याशियों ने अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार को मत दिया, जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा केवल कटारिया का अपना ही वोट हासिल कर सकी। बता दें कि बीते दिनों ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने पत्रकारावार्त्ता में निर्मल कौर को अध्यक्ष पद सौंपने का ऐलान किया था, जबकि निर्दलीय तौर पर चुनकर आई मीनू गुप्ता को उपाध्यक्ष के पद पर चुनने का ऐलान किया गया था। लेकिन चंद घंटों में ही हाई वोल्टेज ड्रामे में मीनू गुप्ता ने भाजपा को कोई भी समर्थन न देने की बात कह डाली थी। इसके बाद पांवटा साहिब की सियासत में खासा बवाल मचा। लिहाजा, इस बार भाजपा ने अंतिम समय तक अपने पत्ते नहीं खोले थे।
दिलचस्प बात यह है कि विधानसभा चुनाव के दौरान ही निर्मल कौर ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। रोचक बात यह है कि ओपी कटारिया जहां कुछ समय पहले सांसद के लिए टिकट की दावेदारी करते थे, वो अचानक ही उपाध्यक्ष पद के प्रलोभन में आकर भगवा रंग में रंग गए हैं। उधर, मतदान के बाद एक ओर नाटकीय घटनाक्रम सामने आया है। निर्दलीय प्रत्याशी मीनू गुप्ता ने दोबारा हंगामा किया। अब बोली कि उन्हें उपाध्यक्ष बनाने की बात कही गई थी।
उल्लेखनीय है कि भगवा पहन कर नगर परिषद का उपाध्यक्ष पद हासिल करने वाले ओपी कटारिया कुछ अरसा पहले सिरमौर कांग्रेस कमेटी के सचिव भी बनाए गए थे।