शिमला, 22 जनवरी : हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही है। इससे उबरने के लिए राज्य सरकार एक बार फिर कर्ज लेने जा रही है। जानकारी के मुताबिक अगले वितीय वर्ष का बजट पेश करने से पहले राज्य सरकार ने एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने का फैसला लिया है। वित्त विभाग के मुताबिक यह कर्ज विकास योजनाओं के लिए लिया जा रहा है। करीब एक माह के अंतराल में सरकार द्वारा ली जा रही कर्ज की यह रकम सरकार के खजाने में 27 जनवरी को जमा होगी। सरकार दो किश्तों पर 500-500 करोड़ के कर्ज ले रही है। कर्ज की इस राशि को सरकार को 10 व 12 सालों में चुकाना होगा।
राज्य सरकार ने एक माह पहले दिसम्बर माह में भी इतना ही कर्ज़ लिया था। इससे पूर्व अक्टुबर माह में भी कर्ज़ उठाया गया था। वर्तमान में हिमाचल सरकार पर करीब 62 हज़ार करोड़ का कर्ज चढ़ा हुआ है। यह कर्ज साल दर साल बढ़ता जा रहा है। कर्ज की किस्त और ब्याज देने में ही हर साल हजारों करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं।
कोरोना काल में स्वास्थ्य के मोर्चे के जूझने के बाद बेशक हिमाचल सरकार ने कोविड-19 महामारी के प्रसार पर अंकुश लगाने में काफी हद तक सफलता हासिल की हो, मगर लॉक डाउन के साथ साथ कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान की वजह से प्रदेश की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने की चुनौती फिलहाल सरकार के समक्ष बनी हुई है। हालांकि कोरोना काल में केंद्र से मिलने वाली राजस्व घाटा अनुदान की करोड़ों की रकम के साथ साथ एसडीआरएफ के तहत प्रदेश को मिली केंद्र से मदद से सरकार को थोड़ी राहत मिली है। लेकिन इसके चुनौतियां कम नहीं हो रही।