शिमला, 21 जनवरी : राजधानी के आईजीएमसी व केंसर अस्पताल में लंगर पर मचे विवाद के बीच स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने गुरुवार को रैन-बसेरा (गुरुनानक का घर) का शुभारम्भ किया। इस रैन-बसेरा में मरीजों के साथ आ रहे तीमारदार ठहर सकेंगे। इसके लिए उन्हें डॉक्टरों की पर्ची दिखानी होगी। डॉक्टर लिखकर देंगे कि मरीज के साथ तीमारदार को कितने दिनों तक ठहरना होगा। रैन-बसेरा में घर का माहौल होगा और उसे निशुल्क भोजन व कपड़े धोने की सुविधा भी मिलेगी। रैन-बसेरा में 30 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। शिमला के समाजसेवी गुरमीत सिंह की नोफल एन्ड चेरिटेबल सोसायटी ने इस सेवा को शुरू किया है। सोसायटी ने केंसर अस्पताल में तीमारदारों के लिए लंगर सेवा का भी आगाज़ किया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने इस नेक कार्य के लिए नोफल चेरिटेबल सोसायटी की प्रशंसा की है। केंसर अस्पताल में मरीजों को देखभाल करने वालों को इससे सुविधा मिलेगी। घर से दूर रहने पर भी तीमारदारों को ऐसा नहीं लगेगा कि वो घर से बाहर है। उन्होंने कहा कि यह पुण्य का कार्य है और इसमें किसी भी तरह की राजनीति नहीं हो रही है। कैंसर अस्पताल में पहले से लंगर चला रहे सरबजीत सिंह ऊर्फ बॉबी भी अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन अगर कोई और व्यक्ति भी समाजसेवा के नाते यहां लंगर चलाना चाहता है, तो इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कैंसर अस्पताल में बॉबी को लंगर लगाने से नहीं हटाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि समाजसेवी बॉबी ने आईजीएमसी प्रशासन पर संगीन आरोप लगाए हैं। उनके लंगर को बंद करने की कोशिश की जा रही है और इसके लिए राजनीति की जा रही है। उन्होंने मरीजों के लिए बनाए गए रैन बसेरा को गुपचुप तरीके से टेंडर कॉल कर अपने चहेते को देने के आरोप लगाए हैं।
सरबजीत इसके विरोध में रिज मैदान पर अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति के नीचे धरना दे रहे हैं। सरबजीत सिंह के समर्थन में राज्य में अनेक स्थानों पर लंगर चलाने वाले लोग भी रिज पर धरना देने की तैयारी में हैं। सरबजीत सिंह समर्थक 25 जनवरी को शिमला आ रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी इस मुद्दे को उठा सकते हैं।