चंबा, 20 जनवरी: हिमाचल के इस बार के पंचायत चुनाव कई मायनों में दिलचस्प रहे। चुनाव में खास बात यह रही कि युवा वर्ग ने भी बढ़ चढ़कर भाग लिया। प्रदेश की कई पंचायतों की बागडोर अब सीधे युवा वर्ग के हाथ आ गई है। इसी कड़ी में भटियात ब्लाॅक के मलुन्डो पंचायत की 22 वर्षीय बेटी दिव्य ज्योति सरपंच बनी है। बीबीए के बाद एमबीए की पढ़ाई कर रही दिव्य ज्योति पंचायत में विकास कार्यों को रफ्तार देने को लालयित है।
पिता सरदार सिंह से प्रेरणा देकर राजनीति में कदम रखने वाली दिव्य ज्योति अपनी पंचायत के लिए कुछ करना चाहती है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से खास बातचीत में दिव्य ज्योति ने कहा कि पिता पहले से ही पंचायत प्रधान थे। एक बार बीडीसी सदस्य भी रह चुके हैं। पंचायत के प्रति पिता के सेवाभाव को देखकर उनके मन में भी समाज सेवा का विचार आया। बात पिता से सांझा की तो पिता ने भी बेटी इस बारे प्रेरित किया।
यदि पंचायत में प्रधान पद महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं होता तो इस बार भी पिता ही चुनाव में उतरते। लेकिन महिलाओं के लिए आरक्षित होने के बाद दिव्य ज्योति को समाज सेवा करने का अवसर मिल ही गया। चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी दिव्य ज्योति की मां आशा देवी एक कुशल गृहणी हैं।
भविष्य की योजनाएं सांझा करते हुए दिव्य ज्योति ने कहा कि पंचायत में स्वास्थ्य सेवाओं, सड़कों व शिक्षा जैसे कार्यों को प्राथमिकता से करेंगी। साथ ही सरकारी योजनाओं को सुपात्र लोगों तक पहुंचाने का पूरा प्रयास करेंगी, ताकि उनकी पंचायत आदर्श पंचायत बन सके। गौरतलब है कि प्रदेश में कई युवक-युवतियां पंचायतों के सरपंच बने हैं, जिनमें मंडी की खीरामणी अब तक की सबसे युवा सरपंच हैं। महज 21 साल 10 महीने की खीरामणी पंचायत प्रधान बनी है।