नाहन, 18 जनवरी : विधानसभा क्षेत्र से बतौर दूसरी पारी खेल रहे बीजेपी के शीर्ष नेता डाॅ. राजीव बिंदल का ग्राफ गिर रहा है। हालांकि सीधे तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती, लेकिन कांग्रेस ने दावा किया है कि प्रथम चरण के मतदान में कांग्रेस के 10 में से 10 प्रधान निर्वाचित हुए हैं। इसमें उप प्रधान भी शामिल है।
सोशल मीडिया में बाकायदा निर्वाचित प्रधानों की सूची को भी पोस्ट किया जा रहा है। इस पर भाजपा समर्थकों की कोई टिप्पणी नहीं आ रही है। लिहाजा, यह माना जा रहा है कि काफी हद तक कांग्रेस के तर्क में सच्चाई हो सकती है।
प्रथम चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले रामपुर भारापुर पंचायत में डाॅ. बिदंल को जबरदस्त आक्रोश का सामना करना पड़ा था। आशंका जाहिर की जा रही है कि इसका असर अन्य पंचायतों में भी पड़ा होगा।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि दो चरणों के चुनाव बाकी हैं। इसमें भाजपा की स्थिति क्या रहती है, इसी के आधार पर ओवरऑल आंकड़ा सामने आएगा। उल्लेखनीय है कि नाहन विकास खंड की 11 पंचायतों में मतदान हुआ था। इसमें से एक पंचायत पांवटा निर्वाचन क्षेत्र में आती है। दीगर है कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल ने पंचायतों में अपने समर्थकों को जिताने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है।
नाहन नगर परिषद में भी घटनाक्रम नाटकीय रहा। भाजपा समर्थित पार्षदों ने शपथ ग्रहण तो कर ली, लेकिन चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया। माना जा रहा है कि चुनाव की स्थिति में कांग्रेस बैठक का बहिष्कार करती तो उस स्थिति में कोरम पूरा नहीं होता।
अटकलों के मुताबिक नगर परिषद में भी कांग्रेस 5 पार्षदों के बावजूद आसानी से घुटने टेकने को तैयार नहीं है। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के शीर्ष नेता डाॅ. राजीव बिंदल को पंचायतीराज संस्था चुनाव के प्रथम चरण में सबक मिला है। अब देखना ये है कि राजनीति के चाणक्य बिंदल इन चुनावी नतीजों के बाद क्या रुख अपनाते हैं।
उधर संवाददाता दिनेश कुंडलस के मुताबिक : कोलर, रामपुर बंजारन व माजरा पंचायत में भाजपा के उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा है। विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल मुकाबलों में कांग्रेस को संजीवनी मिली है। तीनों पंचायते नाहन विधानसभा क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। कोलर पंचायत में भाजपा ने सचिवालय से सेक्शन ऑफिसर रहे जसवंत सिंह को मैदान में उतारा था, मगर उन्हें कांग्रेस समर्थित शालिनी ने पराजित कर दिया।
वही माजरा में भी भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा है। कांग्रेस समर्थित प्रधान पद के उम्मीदवार को विजय मिली है इसी तरह रामपुर बंजारन में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार ने बाजी मारी है। भाजपा समर्थित जिला परिषद उम्मीदवार मनीष चौहान के लिए भी ये नतीजे खतरे का अलार्म है।
जिला परिषद के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को बाहरी होने के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। वही भाजपा से बागी होकर निर्दलीय खड़े हुए लाल सिंह चौहान अपनी होम पंचायत से भारी लीड मिलने की उम्मीद कर रहे है। रामपुर भारपुर की जिला परिषद सीट पर पहले ही बीजेपी को बगावत का सामना करना पड़ रहा है, वही अब पंचायतों के नतीजे से बीजेपी की नींद उड़ना लाजमी है।