नाहन, 15 जनवरी : पांवटा साहिब के गोंदपुर में मैसर्ज पाठक क्लीनिक में बगैर लाईसेंस के नशीली व अंग्रेजी दवाएं बेचने के मामले में मालिक विश्वजीत पाठक को दोषी पाया गया है। सिरमौर के विशेष जज जसवंत सिंह की अदालत ने मालिक विश्वजीत पाठक को पांच साल के कठोर कारावास व एक लाख 20 हजार रुपए के जुर्माने के आदेश दिए हैं।
मामला, 4 सितंबर 2010 का है। तत्कालीन ड्रग इंस्पेक्टर निशांत सरीन द्वारा शाॅप कम क्लीनिक में दबिश दी गई थी। इस दौरान मालिक नशीली व अंग्रेजी दवाओं का कोई भी लाईसेंस पेश नहीं कर सका। इसके बाद सन्नी कौशल द्वारा अदालत में शिकायत पेश की। पांवटा साहिब की मौजूदा ड्रग इंस्पेक्टर भूमिका मंगला द्वारा इस मामले में सक्रियता से कार्रवाई की गई। इस मामले की पैरवी उप जिला न्यायवादी एकलव्य द्वारा की गई। अदालत ने ड्रग एंड काॅस्मैटिक एक्ट की धारा-27 (2) के तहत दोषी पाए गए विश्वजीत पाठक को पांच साल कठोर कारावास के आदेश दिए हैं। साथ ही एक लाख का जुर्माना भी किया गया है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में एक साल साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
वहीं, धारा-28 के तहत एक साल कठोर कारावास व 20 हजार का जुर्माना अदा करने के भी आदेश हुए हैं। कठोर कारावास की दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। मगर दोषी को दूसरी सजा में 20 हजार का जुर्माना अदा करना होगा। ये जुर्माना अदा न करने पर तीन महीने साधारण कारावास का प्रावधान भी किया गया है। उप जिला न्यायवादी एकलव्य के मुताबिक पांच साल के कठोर कारावास के अलावा एक लाख 20 हजार रुपए जुर्माना हुआ है।