संगड़ाह, 13 जनवरी : जिला परिषद चुनाव में हॉट सीट कहे जा रहे संगड़ाह वार्ड में राष्ट्रीय व प्रादेशिक मुद्दों पर स्थानीय मुद्दे हावी होते नजर आ रहे हैं। दरअसल प्रदेश व जिला के दुर्गम क्षेत्रों में शामिल उपमंडल संगड़ाह में अब तक अन्य उपमंडलों की तरह मूलभूत सुविधाओं तथा उपमंडल स्तर के विभिन्न संस्थानों का अभाव है। वर्ष 2012 में संगड़ाह को सिविल सब डिविजन का दर्जा मिलने के बाद यहां पिछले दो विधानसभा चुनावों में ज्यूडिशियल कोर्ट, विद्युत मंडल तथा एपीआरओ कार्यालय आदि उपमंडल स्तर के संस्थान खोले जाना मुख्य मांगे रही है।
इसके अलावा नागरिक उपमंडल अब तक राज्य उच्च मार्ग से भी नहीं जुड़ सका है तथा इस क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कों पर हर साल अन्य इलाकों की बजाय ज्यादा दुर्घटनाएं होती है। पिछले दो माह में यहां वाहन दुर्घटनाओं में तीन लोगों की जान जा चुकी है तथा दर्जन भर लोग घायल हुए हैं। क्षेत्र के भाजपा नेता जहां केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास, उज्जवला व किसान सम्मान निधि आदि योजनाओं तथा धारा 370 को हटाने व कोरोना वैक्सीन तैयार होने जैसी उपलब्धियों को गिना रहे हैं, वहीं कांग्रेस नेता पूर्व प्रदेश सरकार के कार्यकाल संगड़ाह में बीपीईओ ऑफिस व एसडीपीओ कार्यालय खुलने को अपनी उपलब्धियों के रूप में गिना रहे हैं।
अस्पताल में डॉक्टर के चार में से 3 पद खाली होना तथा सीएचसी भवन पिछले 9 साल से लंबित होना भी चर्चा में है। बहरहाल मतदाता जहां स्थानीय मुद्दों व क्षेत्र की समस्याओं संबंधी सवाल पूछ रहे हैं, वहीं क्षेत्र के आला भाजपा नेता व कांग्रेस विधायक फिलहाल क्षेत्र की लंबित मांगों व समस्याओं को लेकर घोषणाएं व आश्वासन से फिलहाल बचते नजर आ रहे हैं। ग़ौरतलब है कि, इस बार जिला परिषद अध्यक्ष पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित होने तथा केवल संगड़ाह वार्ड अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए रिजर्व होने के चलते इसे हॉट सीट समझा जा रहा है।