नाहन – जिला एड्स नियंत्रण समिति नाहन द्वारा जिला मुख्यालय पर मीडिया कर्मियों को एड्स नियंत्रण कार्यक्रम बारे विस्तृत जानकारी देने के उददेश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 अजय गुप्ता ने की। इस अवसर पर डॉ0 गुप्ता ने मीडिया कर्मियों से आग्रह किया कि वह एड्स से बचाव बारे अपने समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने का बीड़ा उठाएं। उन्होंने बताया कि सही समय पर एचआईवीध्एड्स की
स्थिति का पता लगने से एचआईवी पाँजीटिव व्यक्ति स्वस्थ जीवन शैली और जरूरत पडऩे पर एआरटी दवाओं से सामान्य जीवन जी सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा ऐसे रोगियों के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह लाईलाज बीमारी नहीं है नियमित उपचार से इसे बचा जा सकता है। जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी डॉ0 संजय शर्मा ने कहा कि इस सम्बन्ध में लोगों को जागरूक करना अति आवश्यक है जिसके लिए मीडिया अपनी अहंम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए सभी अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 के बाद इस बीमारी से निपटने में काफी सफलता हासिल की गई है । उन्होंंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में एकीकृत परामर्श एवं जांचकेन्द्र स्थापित किए गए हैं। जिला सिरमौर में यह सुविधा क्षेत्रिय अस्पताल नाहनए सिविल अस्पताल पांवटा साहिबए एसडीएच राजगढ़ व नाहन जेल में उपलब्ध करवाई गई है। डॉ0 संजय शर्मा ने बताया कि एड्स जाने अनजाने में किसी को भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था में या उसके पहले गर्भवती महिला अपनी एचआईवी जांच अवश्य करवाएं ताकि बच्चे को एचआईवी संक्रमण से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला के एचआईवी पॉजीटिव होने पर दवा की खुराक मां को प्रसव के दौरान और बच्चे को पैदा होने के तुरन्त बाद देने से नवजात शिशु को इस बीमारी से बचाया जा सकता है। डॉ0 शर्मा ने मीडिया के माध्यम से लोगों सेे आग्रह किया कि वह इस बीमारी से बचाव के लिए अपनी जीवन शैली पर नियंत्रण रखें। उन्होंने कहा कि असुरक्षित यौन सम्बन्ध भी इस बीमारी का एक मुख्य कारण है इसलिए लोगों को असुरक्षित यौन सम्बन्ध से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि एचआईवीध्एड्सध्यौन रोगध्रक्तदान सम्बन्धी जानकारी फोन न0 1299 पर निरूशुल्क प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि महिला या पुरूष को अपने यौन अंगों में किसी प्रकार की समस्या को चिकित्सक से छिपाना नहीं चाहिए और इस बारे में सीधे
परामर्श केन्द्र में सम्पर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एचआईवीध्एड्स से प्रभावित बच्चों क ो सरकार द्वारा शिक्षा व जीवन यापन सम्बन्धी अन्य आवश्यकताओं के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है जिसके लिए सम्बन्धी जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी व सम्बन्धित खण्ड चिकित्सा अधिकारी से सम्पर्क किया जा सकता है। कार्यशाला में जिला मुख्यालय पर कार्यरत प्रिंट व इलैक्ट्रानिक मीडिया से जुड़े समस्त संवाददाताओं ने भाग लिया।
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