रामपुर/मीनाक्षी भारद्वाज : उपमंडल की उप-तहसील सराहन बुशहर के निवासी बसंत कुमार नोगल ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस की 36 वाहिनी में सेनानी का दायित्व संभाला है। इससे क्षेत्र के लोगों में उत्साह का माहौल है। उनके वाहिनी का सेनानी बनने से क्षेत्र का नाम रोशन हुआ है। वे वर्तमान में उत्तराखंड राज्य के चंपावत जिला के लोहाघाट स्थित आईटीबीपी की 36 वाहिनी में सेनानी है।
उन्होंने पीजी कॉलेज रामपुर से बीए की डिग्री वर्ष 1985-86 में प्राप्त की। कॉलेज की शिक्षा के दौरान एनसीसी का बी व सी प्रमाण पत्र हासिल कर बेस्ट कैड्डस का अवार्ड भी हासिल किया। इसके बाद उन्होंने 1988 में आईटीबीपी में सब इंस्पेक्टर के पद पर सेवाएं दी। बटालियन में बेहतरीन सेवाओं के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया। इसके बाद इनकी तैनाती एसपीजी में वर्ष 1992 से 2003 तक हुई।
इस दौरान उन्होंने देश के पांच प्रधान मंत्रियों की सेवाओं में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनमें कुशल प्रशिक्षक, अकादमी बेसिक ट्रेनर डीजीएस सिल्वर व गोल्ड पदक व अनेक प्रशंसनीय प्रमाण पत्रों से भी सम्मानित किया गया।
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नव नियुक्त वाहिनी के सेनानी ने बताया कि वे अनुशासन, कठिन परिश्रम के माध्यम से युवा अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकते हैं। भारत तिब्बत सीमा पुलिस से सेवानिवृत उप सेनानी ठाकुर देष्टा ने बताया कि रामपुर क्षेत्र के छोटे के गांव सराहन से बिना आरक्षण के भारत तिब्बत सीमा पुलिस के सेनानी के पद पर तैनात होना गौरव का विषय है। राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित ज्योति लाल मेहता, धर्म प्रकाश मेहता, सुनील मेहता, बलबंत नोगल, राजू नोगल, प्रकाश नोगल, अमर नोगल, रतन नोगल, अनिश नोगल ने उनकी उपलब्धियों की सराहना करते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है।