नाहन, 1 जनवरी: देश की दूसरी सबसे पुरानी नगर परिषद नाहन की सत्ता को हासिल करने की कोशिशें शुरू हो चुकी हैं। भाजपा के सामने इसे बरकरार रखने की चुनौती है, वहीं कांग्रेस के सामने इसे हासिल करने का चैलेंज है। कांग्रेस व भाजपा नेे अपने-अपने हैवीवेट भी उतारे हैं। नए चेहरे भी सामने हैं। 1995 से लगातार नगर परिषद के एक पार्षद का पद सुक्खू भाई के घर में ही है। 1995 में पहली बार पत्नी पार्षद बनी थी। इसके बाद 2000 से खुद कोई चुनाव नहीं हारे हैं। यहां तक कि एक मर्तबा उपाध्यक्ष के परोक्ष चुनाव में लगभग 6800 वोट हासिल कर जीता था।
कांग्रेस में योगेश गुप्ता को नगर परिषद के चुनाव में हैवी वेट नेता माना जाता है। इस बार अहम बात यह है कि वो अपने गृह वार्ड 6 नंबर से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि 13 नंबर से चुनाव मैदान में उतरे हैं। अपना वार्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुआ है। नजरें इस बात पर टिकी हैं कि अगर वो चुनाव जीतते हैं तो क्या 25 साल तक पार्षद बनने का रिकाॅर्ड होगा या नहीं। वार्ड नंबर 7 से चुनाव जीतने की हैट्रिक बना चुके राकेश गर्ग चौथी पारी के लिए मैदान में उतरे हैं।
उधर अगर बीजेपी की बात की जाए तो पाले में अविनाश गुप्ता व मधू अत्री जैसे हैवीवेट मैदान में हैं। गुप्ता लंबी अवधि के कार्यकाल में एक बार पार्षद का चुनाव हारे हैं, जबकि उपाध्यक्ष के सीधे मुकाबले में योगेश गुप्ता से शिकस्त मिली थी।
वहीं, मधू अत्री के खाते में भी चुनाव न हारने का रिकाॅर्ड है। एक बार चुनाव नहीं लड़ा था। उधर, बीजेपी का टिकट न मिलने पर वार्ड नंबर-9 से भाजपा की पार्षद रही शबाना चौहान ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोकी है। वार्ड नंबर 1 से अशोक विक्रम को भी भाजपा का बिग शाॅट माना जाता है। अहम बात यह है कि भाजपा के संगठन में कई पदों पर आसीन रह चुके देवेंद्र अग्रवाल इस चुनाव में पार्टी के 7 नंबर वार्ड से प्रत्याशी हैं।
वार्डों के आरक्षित होने पर 8 नंबर से पार्षद कपिल गर्ग उर्फ मोंटी ने अपनी पत्नी रीतिका गर्ग को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा से शुभम सैनी ने भी अपनी पत्नी मनजीत सैनी को वार्ड नंबर 9 से बीजेपी का प्रत्याशी बनाया है। कुल मिलाकर चुनावी मैदान में आधा दर्जन हैवीवेट चेहरे हैं, जबकि नए चेहरे भी अपना भाग्य आजमाते नजर आ रहे हैं।