शिमला, 20 दिसंबर : सरकारी पदों को भरने के मकसद से हिमाचल में दो व्यवस्थाएं प्रभावी हैं। तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती की जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (HPSSC) हमीरपुर की होती है। लेकिन जिला परिषद काडर (Zila Parishad Cadre) में अनुबंध आधार पर पंचायत सचिव (Panchayat Secretary) के 239 पदों की भर्ती की जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) को पंचायतीराज विभाग द्वारा दी गई है। इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि अगर एचपीयू ने ही भर्तियां करवानी हैं तो कर्मचारी चयन आयोग पर करोड़ों के खर्च का क्या औचित्य है।
चूंकि प्रदेश के युवाओं का सरकारी नौकरियों के प्रति जबरदस्त रूझान है, लिहाजा यह बात किसी से भी नहीं छिपी होती कि 239 पदों की एवज में कितने आवेदन (Applications) प्राप्त होंगे। ये संख्या लाखों में पहुंचेगी तो फीस भी करोड़ों में ही आएगी। पंचायतीराज महकमे (Panchayati Raj Department) के एचपीयू से भर्ती करवाने की प्रक्रिया खासी चर्चा में है। विभाग ने 10 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार (Registrar HPU) को दिशा-निर्देश भी दिए। इसमें अंग्रेजी, हिन्दी, गणित व सामान्य ज्ञान को 85 अंकों में विभाजित किया गया है। साथ ही टाईपिंग स्पीड (Typing Speed) भी निर्धारित हुइ है।
यह बात साफ नहीं है कि भर्ती करवाने वाले विभाग द्वारा ही अपने स्तर पर निर्देश दिए जाते हैं या नहीं, जबकि कर्मचारी चयन आयोग के पास एक सैट प्रारूप होता है। इसमें प्रश्नपत्र की सैटिंग से लेकर परीक्षा केंद्रों को स्थापित करना तो शामिल है ही, साथ ही ओएमआर (OMR) का मूल्यांकन (Valuation) भी है। कमाल की बात यह है कि भर्तियों का तजुर्बा कर्मचारी चयन आयोग के पास है। वहीं एक ऐसी भर्ती प्रक्रिया को एचपीयू से करवाया जा रहा है, जिसमें लाखों आवेदन मिलने की संभावना है। सवाल इस बात पर उठता है कि जब आयोग स्थापित है तो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का नियमित कार्य से ध्यान भटकाकर एक नई जिम्मेदारी क्यों दी जा रही है। अगर यह मान लिया जाए कि कर्मचारी चयन आयोग की कुछ भर्तियां ठीक नहीं रही तो भी प्रश्न यह उठता है कि सरकार आयोग को ही समाप्त कर स्कूल शिक्षा बोर्ड (School Education Board) या फिर एचपीयू से भर्तियां करवाए।
इसी बीच एचपीयू ने भी 18 दिसंबर से आवेदन आमंत्रित कर लिए हैं। कुल सचिव की अधिसूचना में आवेदन की अंतिम तारीख 17 जनवरी 2021 तय की गई है। बात यह भी बताई जा रही है कि छंटनी (Preliminary) परीक्षा ही करवाई जानी है। इसके बाद बाकी प्रक्रिया विभाग स्वयं करेगा। रोचक बात यह भी है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय जून में विज्ञापित गैर शिक्षकों के 274 पदों के आवेदन आमंत्रित करने के बाद इस प्रक्रिया को शुरू नहीं कर पाया है।
उधर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार व हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के सचिव की इस बारे प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई।