नाहन, 17 दिसंबर : वीरवार को शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव का शैडयूल जारी हो गया। इसी बीच नगर परिषदों में अध्यक्ष पद के आरक्षण को लेकर भी स्थिति स्पष्ट हो गई। इस बार नाहन नगर परिषद का अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इसकी अधिसूचना भी वीरवार को ही जारी हुई। वहीं, वार्डों का आरक्षण काफी पहले ही तय हो चुका था, लिहाजा कांग्रेस ने लगभग तीन सप्ताह पहले ही अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी थी। मगर भाजपा ने अब तक भी अपनी अधिकारिक सूची को जारी नहीं किया। यह अलग बात है कि भाजपा के 6-7 प्रत्याशी प्रचार में जुट चुके हैं।
संभावना जताई जा रही है कि राजनीति के खिलाड़ी माने जाने वाले विधायक डाॅ. राजीव बिंदल ने संभवतः इसी कारण सूची जारी नहीं की थी कि पहले यह पता चले कि चेयरमैन का पद अनारक्षित रहेगा या नहीं। अगर वार्डों के आरक्षण की बात की जाए तो वार्ड नंबर 1 या वार्ड नंबर 4 ही अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित है। यदि बीजेपी अन्य किसी वार्ड से भी सशक्त एससी महिला को मैदान में उतारती है तो चेयरपर्सन के पद तक पहुंचने की राह आसान हो सकती है।
चुनाव की पूरी सरगर्मी शुरू होने से पहले ही रोचक मोड़ भी आ गया है। अगर यह मान लिया जाए कि भाजपा को बहुमत मिलता है, मगर एक व 4 नंबर से प्रत्याशी हारते हैं तो उस सूरत में क्या होगा। लिहाजा संभावना यह भी जताई जा रही है कि भाजपा दो से अधिक संख्या में अनुसूचित जाति की महिलाओं को मैदान में उतार सकती है। वार्ड नंबर 3, 5, 8, 9 व 11 महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इनमें से भी अनुसूचित जाति की महिलाओं को मैदान में उतारा जा सकता है।
खास बात यह भी है कि कांग्रेस ने वार्ड नंबर 3 व वार्ड नंबर 11 से भी अनुसूचित जाति की महिलाओं को ही मैदान में उतारा है। हालांकि यह वार्ड सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित थे, लेकिन कांग्रेस ने इत्तेफ़ाक़न ही यहां से एससी महिलाओं को चुनावी दंगल में उतारा है। वार्ड नंबर 11 से सीटिंग पार्षद को ही प्रत्याशी बनाया गया है, जबकि वार्ड नंबर 3 से पिछले चुनाव के प्रत्याशी को ही दोबारा मौका दिया गया है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के खेमे से चार एससी (SC) महिलाये मैदान में है।
गौरतलब है कि सिरमौर में पांवटा साहिब नगर परिषद में अध्यक्ष का पद अनारक्षित रखा गया है, जबकि राजगढ़ में चेयरपर्सन का पद महिला के लिए आरक्षित हुआ है।