शिमला, 13 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश के ट्राइबल जिला लाहौल-स्पीति की 52 वर्षीय महिला डेकिड अंगमो की आंखें उस समय छलक उठी, जब 24 साल के बेटे ने आईएमए की पासिंग आउट परेड में भारतीय सेना में पहला कदम रखा। जहन में केवल एक ही सवाल था कि काश, उनके पति भी इस पल को देखने के लिए आज संसार में होते। 24 साल का बेटा लाॅबसांग येशे अब भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन चुका है।
लेफ्टिनेंट लाॅबसांग की उम्र जब 9 साल की थी तो उनके पिता की सड़क हादसे में मृत्यु हो गई। पासिंग आउट के ऐतिहासिक पल में डेकिड के साथ बहू मेंटाॅक डोलमा व मुंसलिंग स्कूल की निदेशक ताशी नामग्याल भी गवाह बनी। शनिवार की पासिंग आउट परेड में देश के 325 नौजवान सैन्य अधिकारी बने हैं। इसमें स्पीति घाटी के लाॅबसांग येशे भी शामिल हैं। लेफ्निेंट लाॅबसांग येशे ने गोरखा राइफल्स को चुना है।
गोरखा राइफल्स को इंडियन आर्मी की डेयर डेविल इंफेंटरी के तौर पर भी पहचाना जाता है, जिसने कई युद्धों में अपनी जांबाजी का प्रदर्शन किया है। गौरतलब है कि पासिंग आउट परेड में वाइस चीफ आफ द आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी ने सलामी ली थी। ये समारोह भव्य व गौरवशाली था।
Photo/Input : Facebook