शिमला, 12 दिसम्बर : कृषि बिल पर देश में बवाल मचा है। इसे लेकर किसान यूनियनें जबरदस्त आंदोलन कर रही हैं तथा केंद्र सरकार से कृषि बिल को वापिस लेने की मांग की जा रही है। विपक्षी दल भी केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवरों में है। भाजपा किसान मोर्चा कृषि बिल के पक्ष में प्रदेश भर में जनजागरण व जनसंम्पर्क अभियान चलायेगा। किसान मोर्चा का कार्यकर्ता प्रत्येक गांव में घर-घर जाकर इस बिल की विस्तृत जानकारी देगा। अभियान के तहत 3 लाख हस्ताक्षर करवाकर बिल की संपूर्ण जनकारी किसानों को दी जाएगी।
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शर्मा बबली ने शनिवार को शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बिल को लेकर कुछ राजनैतिक पार्टियां किसानों की आड़ में अपने स्वार्थ को पूरा करने का प्रयास कर रही हैं, जिसे भाजपा किसान मोर्चा कभी भी सफल नहीं होने देगा।
राकेश शर्मा बबली ने कहा कि आजादी के बाद केन्द्र सरकार ने किसान हित में ऐतिहासिक फैसले लिये हैं जिसमें किसान सम्मान निधी 10 करोड़ किसानों को उनके खाते में लगभग 95 हजार करोड़ रूपये दिये हैं, जिससे मोदी जी कि नियत और निति कृषि और किसान के हित में रही है व 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के करीब है, जिसके लिए केन्द्र सरकार ने कृषि उपज मंडी समिति बिल लाई है जो कि किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करेगा।
उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार व केन्द्रीय कृषि मंत्री हमेशा से सुझाव व वार्ता के लिए आग्रह कर रहे हैं, परन्तु ये स्वार्थी लोग फिर भी कानुन निरस्त करने ही अड़े हैं, छोटे किसानों, पशुपालकों, मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड मिलने व यूरिया की नीम कोटिंग से जिनके गैर कानूनी धंधे बन्द हो गए हैं उनको आज समस्या हो रही है, जिसका किसान मोर्चा विरोध करता है, जबकि किसान संगठनों को सहयोगी बन कर समस्या का निवारण करना चाहिये। इसके विपरीत राष्ट्र विरोधी ताकतें किसानों को भड़काने का कार्य कर रही है।
राकेश शर्मा बबली ने कहा कि केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के बार-बार कहने पर कि ‘‘न्युनतम समर्थन मुल्य’’ भविष्य में यथावत रहेगा तथा मण्डियों में भी किसान अपना उत्पादन पूर्वत ही बेच सकता है व केन्द्र सरकार लिखित में देने को तैयार है। जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है न्युनतम समर्थन मुल्य में डेढ गुना बढ़ोतरी हुई है तो मोदी सरकार किसानां के विरोधी कैसे हो सकती है, जबकि आज जो पार्टियां विरोध कर रही है पूर्व में हुये चुनाव उनके घोषणा पत्र में इस बिल के संशोधन का उल्लेख किया गया था।