रोनहाट (शिलाई), 6 दिसंबर: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जनपद के शिलाई उपमंडल के झकांडों गांव से दो महिलाओं की इंसानियत (Humanity) के तौर पर एक ऐसी मिसाल (Example) सामने आई है, जो आपकी आंखें नम कर सकती हैं। कुदरत के इस फैसले से हर कोई स्तब्ध है तो गांव की अंजू व अनीता के प्रति हर किसी का सम्मान भी कई गुणा बढ़ चुका है। अपने जिगर के टुकड़े को जन्म देने के करीब 24 दिन बाद इलाके की एक महिला पिंकी लापता (Missing) हो गई। 13 दिन से गांव के तमाम लोग उसकी तलाश में जगह-जगह भटक रहे हैं।
सबसे बड़ा सवाल यह था कि दुधमुंहे बच्चे को स्तनपान (Breast Feeding) कौन करवाएगा। इसके लिए अंजू व अनीता सामने आ गई। दोनों ही पिछले कुछ समय से मातृत्व सुख (Maternal pleasure) प्राप्त किया था। आप जानकर हैरान होंगे कि अंजू व अनीता बारी-बारी इस नवजात को स्तनपान करवा रही हैं। ठीक उसी तरह मासूम को दुलार (Love) दे रही हैं, जैसे यशोदा ने भगवान कृष्ण को दिया था। बड़ी बात यह है कि परिवार ने भी अंजू व अनीता की सोच पर रत्ती भर भी सवाल नहीं उठाया। सगी मां शिशु को घर में अकेला छोड़कर लापता हो गई थी। इसके बाद से ही ये महिलाएं शिशु को स्तनपान करवा कर नया जीवन दे रही हैं।
जानकारी के मुताबिक इंसानियत के प्रति अपने दायित्व के इस बेमिसाल उदाहरण में गांव की अन्य महिलाओं की भी एक बड़ी भूमिका है। गांव की महिलाओं ने ही ये निर्णय लिया था कि हाल ही में शिशु को जन्म देने वाली गांव की महिलाएं शिशु को स्तनपान करवाएंगी। नवजात बेटे की मां को लापता हुए धीरे-धीरे वक्त बीतता जा रहा है। तलाश का अभियान भी चल रहा है, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिल रहा। ऐसे में अपनी मां के बिना बच्चे की हालत क्या हो सकती थी, इसे सहज ही समझा जा सकता है।
संभव है कि ऐसी मिसाल कायम करने वाली कई अन्य महिलाएं भी होंगी, लेकिन लंबे अरसे में एक पिछड़े गांव से इस तरह की मिसाल सामने आई है। कुल मिलाकर कुदरत के इस फैसले को अंजू व अनीता ने सर माथे पर लिया है।