नाहन, 3 दिसंबर : सिरमौर के शिलाई उपमंडल के जामना की बेटी रेखा चौहान ने अपने इरादों के बूते यूजीसी (UGC) की नेट परीक्षा (NET Exam) में तो सफलता अर्जित की ही है, साथ ही नेशनल फ़ेलोशिप (National Fellowship) के तहत स्काॅलरशिप (Scholarship) भी हासिल किया है। अब उसे पीएचडी (Ph.D) की शिक्षा हासिल करने के लिए आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि हर माह स्काॅलरशिप मिलती रहेगी।
होनहार बेटी की सफलता (Success) इस कारण भी अलग है, क्योंकि उसने ग्रैजुएशन (Graduation) के द्वितीय वर्ष से आगे की पढ़ाई घर बैठकर ही की है। हालांकि राजनीतिक शास्त्र (Political Science) में भी स्नातकोत्तर डिग्री (Post Graduation) हासिल की है, लेकिन राष्ट्र भाषा हिन्दी में अपनी महारत (Mastery) को साबित कर यूजीसी की नेट परीक्षा को उत्तीर्ण किया है।
परिवार की आर्थिक स्थिति (Financial Condition) इस तरह से कमजोर थी कि रेखा को दो हजार रुपए महीने की पगार पर नौकरी भी करनी पड़ी। पिता संतराम पर चार बच्चों के लालन-पालन की जिम्मेदारी थी। लिहाजा, रेखा ने दृढ़ निश्चय किया था कि वो खुद ही अपने लक्ष्य को हासिल करेगी।
खास बातचीत के दौरान रेखा ने कहा कि कई बार परीक्षा देने के लिए नाहन जाने के दौरान भी किराया (Bus Fare) मुश्किल से जुटाना पड़ता था। उन्होंने बताया कि दूसरे प्रयास (Second Attempt) में सफलता हासिल हुई है। रेखा का कहना था कि सफलता को केवल उसी सूरत में हासिल किया जा सकता है, जब हौंसला बना रहे। माता मेंहदी देवी गृहणी हैं। एक बहन की शादी हो चुकी है, दो भाई पढ़ाई कर रहे हैं। बेहद आत्मविश्वास (Confidence) से रेखा ने कहा कि अब उन्हें पीएचडी करने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि नेशनल फ़ेलोशिप के तहत स्काॅलरशिप मिलता रहेगा। उनका कहना था कि बचपन से ही एक काॅलेज प्राध्यापक (College Professor) बनने का सपना रहा है, जिसे साकार करने के लिए वो धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है।