कालाअंब, 2 दिसंबर : सलानी कटोला पंचायत में उद्योग द्वारा कथित तौर पर दूषित पानी (contaminated water) की निकासी से हजारों मछलियों (Fish) के मरने की सूचना है। हालांकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution control board) के साथ-साथ उद्योग का अधिकारिक पक्ष (Official Version) उपलब्ध नहीं है, लेकिन अगर ग्रामीणों की मानें तो नदी का पानी पूरी तरह से कैमिकलयुक्त (Chemical) हो गया है। साफ तौर पर इसकी एक परत पानी की सतह पर नजर आ रही है।
ग्रामीणों के मुताबिक नदी के एक छोर पर दो उद्योग (Industries) स्थापित हैं। इसमें एक इकाई को बिरोजा फैक्टरी के नाम से भी जाना जाता है। इसी नदी से कूहल के जरिए पानी को एक कुएं में पहुंचाया जाता है। उस पानी का इस्तेमाल लिफ्टिंग (Lifting) के जरिए सिंचाई योजना के लिए होता है। ग्रामीणों का कहना है कि मरने के बाद मछलियां सीधे कुएं में पहुंच गई। इस कारण ब्लाॅकेज (Blockage) की वजह से सिंचाई योजना भी ठप हो गई है।
सवाल इस बात पर उठता है कि ठोस कार्रवाई (Concrete action) अमल में क्यों नहीं लाई जाती। हालांकि कालाअंब में उद्योगों से निकलने वाले कैमिकलयुक्त पानी (Chemical water) के ट्रीटमेंट (Treatment) के मकसद से प्लांट लगाने की तैयारी भी हो रही है। इस मामले में एनजीटी (NGT) के सख्त आदेश की वजह से सरकार ने हाल ही में टोकन वैल्यू (Token Value) पर जमीन भी उपलब्ध करवाई है।