नाहन, 28 नवंबर : अरुणाचल प्रदेश में एलएसी (LAC) पर वीरगति को प्राप्त हुआ 22 साल का शहीद लाल अंचित शर्मा (Shaheed Anchit Sharma) शनिवार दोपहर पंचतत्व में विलीन हो गया। बेटे के सिर पर सेहरा सजाने के सपने देखने वाले पिता राजेश शर्मा ने नम आंखों से इकलौते लाल (Only Son) को मुखाग्नि दी तो समूची घाटी सिसक उठी। हालांकि बोहल टालिया पंचायत के धार पंजहेरा गांव में शहीद की पार्थिव देह को करीब एक घंटे रखा ग या। लेकिन दादा-दादी, माता-पिता ने बेटे का चेहरा देखने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि वो इस हालात में अपने बेटे की तस्वीर जहन में नहीं रखना चाहते। वो केवल मुस्कुराते हुए अंचित की तस्वीर अपने जहन में ताउम्र रखना चाहते हैं।
शहीद की अनंत यात्रा में शामिल लोगों का कहना था कि इस तरह का फैसला आसान नहीं था। परिवार का ये एक साहसिक निर्णय था कि उन्होंने अंतिम बार चेहरा नहीं देखा। गांव ने बेहद ही अनुशासनात्मक (Disciplined) तरीके से शहीद की पार्थिव देह पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने की व्यवस्था की हुई थी। राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन शहीद को श्रद्धांजलि देने सांसद सुरेश कश्यप, विधायिका रीना कश्यप के अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगू राम मुसाफिर भी मौजूद रहे।
सिरमौर का 22 वर्षीय अविवाहित लाल देश पर कुर्बान…LAC पर शहीद
11 डोगरा ने गार्ड ऑफ ऑनर (guard of Honour) दिया, वहीं 5 जीजीआर की प्लाटून (Platoon of GGR) ने शहीद की अंत्येष्टि में बाकी सैन्य रस्मों को निभाया। चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ की तरफ से सैनिक कल्याण बोर्ड के उपनिदेशक (Deputy Director of Sainik Welfare Board) मेजर दीपक धवन ने माता-पिता को तिरंगा (National Flag) भेंट किया।
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इससे पूर्व सुबह साढ़े 9 बजे के आसपास जब चंडीगढ़ से शहीद की पार्थिव देह राजगढ़ पहुंची तो माहौल गमगीन (Inconsolable) हो उठा। शहीद अंचित अमर रहे के नारों से पूरा इलाका गूंज रहा था। 24 नवंबर की शाम करीब पौने 6 बजे अविवाहित अंचित शर्मा ने एलएसी पर देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहूति दी थी। चौथे दिन शहीद की पार्थिव देह गांव पहुंची। बता दें कि शहीद की अंत्येष्टि के लिए भी गांव में एक विशेष व्यवस्था की गई थी। इसके तहत शहीद की पार्थिव देह को गांव के श्मशानघाट पर नहीं ले जाया गया, बल्कि घर से ही आधा किलोमीटर की दूरी पर अंत्येष्टि की गई।