हमीरपुर, 19 नवंबर : विदेशी परिदों के आगजम से पौंग झील गुलजार होना शुरू हो गई है। शरद ऋतु की शुरूआत में भी विभिन्न प्रजातियों के 20 हजार परिंदे पौंग झील में पहुंचे हैं। पौंग झील में पक्षियों के आगमन के साथ ही अब पर्यटकों का रूझान भी बढ़ना शुरू हो गया था। दिसंबर के अंत तक पक्षियों की संख्या एक लाख पार होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। आए दिन पक्षियों के झील पहुंचने की संख्या में बढ़ौतरी दर्ज की जा रही है। वन्य प्राणी विभाग के आकलन के अनुसार अब तक 20 हजार परिंदों ने झील किनारे डेरा जमा लिया है।
बता दें कि हर वर्ष वन्य प्राणी विभाग पौंग लेक पहुंचने वाली प्रजातियों की गणना करता है। साल भर में पौंग झील में कितने पक्षी पहुंचे इसका भी रिकार्ड रखा जाता है। वहीं यह भी कहा जाता है कि बाहरी देशों के पक्षी भी हजारों किलोमीर का सफर तय करने के बाद पौंग झील पहुंचते हैं। वहीं अगर बात प्रवासी पक्षी की हो तो बार हेडड गूज हजारों किलोमीर का सफर तय करने के बाद झील किनारे पहुंचते हैं। यह पक्षी 29 हजार फ़ीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। यह एक प्रवासी पक्षी है जो सर्दियों के मौसम में भारत के लगभग सभी हिस्सों में देखा जा सकता है।
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शीताकलीन ऋतु में अब यह पक्षी झील किनारे ही अपना घर बना लेंगे। झील में ही इनके खाने के लिए भोजन मिल जाएगा। शरण ऋतु में विभिन्न जगहों से पक्षी पौंग लेक पहुंचते हैं। झील का बड़ा क्षेत्र इन पक्षियों के लिए रहने व खाने का एक बेहतर जरिया है। यही कारण है कि नवंबर महीने के मध्य तक 20 हजार परिंदों ने पौंग में दस्तक दी है। वहीं, वन्य प्राणी विभाग ने भी यहां पहुंचने वाले परिंदों की काउंटिंग शुरू कर दी है।
भारत में अपने प्रवासी के दौरान दलदली क्षेत्रों में, खेती के आसपास वाली जगहों, पानी व घास के नजदीक, झीलों व पानी के टैंकों के किनारे देखा जा सकता है। इन दिनों बार हेडड गूज ने भी पौंग का रूख करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही कई अन्य प्रजातियों के पक्षी भी यहां पहुंचे हैं। बात बीते वर्ष 2019 की करें तो इस वर्ष एक लाख 18 हजार पक्षी दिसंबर के अंत तक पौंग झील पहुंचे थे। हर साल इन पक्षियों के आंकड़े में वृद्धि दर्ज होती आ रही है। इस बार भी दिसंबर के अंत तक एक लाख से अधिक पक्षियों के पहुंचने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
वहीं, डीसीएफ वाइल्ड लाइफ राहुल रोहाने ने कहा कि नवंबर महीने के मध्य तक 20 हजार परिंदे पौंग झील पहुंच गए हैं। दिसंबर अंत तक इनकी संख्या एक लाख से पार होने की उम्मीद है। आए दिन इनकी संख्या में बढ़ौतरी हो रही है। यहां पहुंचने वाले पक्षियों की हर वर्ष की तरह इस बार भी गणना की जाएगी। गणना में पता चलेगा कि यहां पहुंचने वाली प्रजातियों के संख्या में बढ़ोतरी हुई है या नहीं।
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