रिकांगपिओ,16 नवंबर : रविवार रात को किन्नौर के ऊंचाई वाले इलाकों में सर्दी का पहला हिमपात हुआ है। सोमवार सुबह जैसे ही लोग अपने घरों से बाहर निकले तो पाया पहड़ियां सफेद चादर में ढकी हुई थी। मौसम में आई इस बदलाव के बाद अधिकांश क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया जा रहा है।
नवंबर माह में हुई इस बर्फबारी ने कई किसानों व बागवानों ने सामने मुसीबतें भी खड़ी कर दी है। इस समय ऊंचाई वाले इलाकों से सेब की फसल मंडियों में नही जा पाई है। बताया जाता रहा है कि नेसंग, कल्पा, रकछम, बारंग, पूर्वनी, ठंगी आदि कई इलाकों में अभी भी कई बागवानों के सेब पेड़ो पर ही है। यदि मौसम इसी तरह जारी रहा तो इन सेब उत्पादकों के आर्थिकी पर प्रभाव पड़ सकता है।
किन्नौर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 2 इंच से 1 फीट के बीच हुई बर्फबारी से कई सम्पर्क भी अवरुद्ध हो गए है। मुख्य पर्यटन स्थल छितकुल, रकछम व सांगला आदि क्षेत्रों में हुई बर्फबारी के कारण सांगला से आगे छितकुल की और वाहनों की आवाजाही नही हो पा रही है।
छितकुल में एक फीट, रकछम 8 इंच, सांगला 6 इंच, कल्पा 4 इंच, रोघी 5 इंच, मीरु 3 इंच नेसंग 4 इंच, ठंगी 4 इंच बर्फ दर्ज की गई है, जबकि रिकांगपिओ, टापरी, स्पीलो आदि क्षेत्रों में बारिश से तापमान में गिरावट आई है।