सोलन,14 नवंबर : दीपावली के दिन बीमार होना खतरे से खाली नहीं है। आज प्रदेश में 108 एंबुलेंस के पायलट व् ईएमटी सामूहिक अवकाश पर चले गए है। सोलन में 20 के करीब 108 एम्बुलेंसों के पहिये थम गए है। 108 एंबुलेंस प्रबंधन व् सरकार की लचर कार्यप्रणाली के चलते कर्मचारियों को यह कदम उठाना पड़ा है। दीवाली पर सुबह आठ बजे से पायलट व ईएमटी सामूहिक अवकाश पर है।
मान्य उच्च न्यायलय ने 108 एंबुलेंस के पायलट व् ईएमटी के वेतन को जनवरी माह से 15000 रुपए देने के आदेश दिए थे। बावजूद इसके 108 प्रबंधन व् सरकार द्वारा कर्मचारियों को सिर्फ आश्वासन देकर टरकाया जा रहा था। संज्ञान लेते हुए कर्मचारियों ने बीएमओ व् सीएमओ को सामूहिक पत्र देकर अनिश्चित काल के अवकाश पर जाने का ऐलान किया है। प्रदेश में 1200 के करीब 108 एंबुलेंस पायलट व् ईएमटी है। हिमाचल में 300 एम्बुलेंस जनता को सेवाएं दे रही है।
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि आपातकालीन 108 व 102 एंबुलेंस सेवाओं के कर्मचारी मांगों को मनवाने के लिए कई दिनों से संघर्षरत थे। इस बारे में 12 नवंबर को डायरेक्टर एनएचएम की अध्यक्षता में प्रबंधन पदाधिकारियों की मीटिंग शिमला में हुई थी। जिसमें प्रबंधन ने मांगों को मानने की हामी भरी थी। लेकिन बाद इंकार कर दिया गया। जिससे यूनियन को मजबूरन सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लेना पड़ा है।
आपातकालीन सेवा कर्मचारियों की मांगे
1) बिना किसी कारण से नौकरी से हटा देना।
2) झूठी शिकायतें सीएमओ, एमओ, बीएमओ द्वारा करवाना।
3) न्यायालय के आदेशों को न मानना तथा कर्मचारियों को ₹15000 मासिक वेतन ना देना।
4) गाड़ी की जांच के नाम पर झूठी रिपोर्ट बनाना व परेशान करना।
5) 102 एंबुलेंस के कर्मचारियों से 16-18 घंटे ड्यूटी लेना।
6) लगातार ड्यूटी पर कर्मचारियों के बीमार पर नौकरी से निकालना।
7) कर्मचारियों का क्वारंटाइन होने पर वेतन काटना व कोविड-19 मरीजों को ढूंढने के बाद गाड़ियों को सैनिटाइजर ना करवाना ।
8) यदि कोई कर्मचारी अपनी शिकायत प्रबंधन से करता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाती है।
2) झूठी शिकायतें सीएमओ, एमओ, बीएमओ द्वारा करवाना।
3) न्यायालय के आदेशों को न मानना तथा कर्मचारियों को ₹15000 मासिक वेतन ना देना।
4) गाड़ी की जांच के नाम पर झूठी रिपोर्ट बनाना व परेशान करना।
5) 102 एंबुलेंस के कर्मचारियों से 16-18 घंटे ड्यूटी लेना।
6) लगातार ड्यूटी पर कर्मचारियों के बीमार पर नौकरी से निकालना।
7) कर्मचारियों का क्वारंटाइन होने पर वेतन काटना व कोविड-19 मरीजों को ढूंढने के बाद गाड़ियों को सैनिटाइजर ना करवाना ।
8) यदि कोई कर्मचारी अपनी शिकायत प्रबंधन से करता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाती है।