शिमला, 6 नवंबर: हिमाचल प्रदेश में गरीबों के मसीहा के रूप में पहचान रखने वाले बड़का भाऊ ‘‘संजय शर्मा’’ को 15वीं मर्तबा हृदयघात (Heart Attack) हुआ है। इसके बाद उन्हें पीजीआई (PGI) चंडीगढ़ ले जाया गया। देर रात तक आपातकालीन वार्ड (Emergency Ward) में दाखिल रहे। इसके बाद डिस्चार्ज (Discharge) तो किया गया, लेकिन ओपीडी (OPD) में चिकित्सकों ने दोबारा चैकअप किया। शुक्रवार को कुछ टैस्ट हुए हैं। शनिवार को दोबारा चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य की जांच (Medical Check Up) की जाएगी।
मिली जानकारी के मुताबिक करवाचौथ के दिन संजय शर्मा घर पर ही थे। यह अलग बात है कि सामान्य दिनों में वो घर पर नहीं होते। समाज सेवा में इस कद्र मशगूल (Busy) हैं कि पिछले कुछ दिनों से दिल के रोग से जुड़ी दवाएं खाना भूल गए थे। सीने के दर्द के बाद धर्मशाला में भी चैक अप किया गया। इसके बाद पीजीआई रैफर किया गया था। बता दें कि संजय शर्मा पहले ही कई बार ये कह चुके हैं कि भगवान ने उन्हें इतने हार्ट अटैक के बाद भी बचाया है तो निश्चित तौर पर कोई न कोई वजह होगी। यही सोच कर पिछले कई सालों से अपना कारोबार (Business) छोड़कर समाजसेवा (Social Work) में ही जुटे हुए हैं।
खास बात यह है कि गरीबों की इम्दाद (Help) करने के लिए वो कांगड़ा से सिरमौर तक का रास्ता नापने में तनिक भी नहीं सोचते। दूसरी अहम बात यह है कि संजय शर्मा गरीबों की मदद के लिए कभी भी किसी से चैरिटी (Charity) एकत्रित नहीं करते। अपने ही जेब से गोपनीय मदद (Confidential help) करते हैं। मदद की जाने वाली राशि को सार्वजनिक नहीं करते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि गरीबों की दुआओं का ही असर है कि बड़का भाऊ इतने हार्ट अटैक झेल चुके हैं। चंद सप्ताह पहले उना में अनाथ बच्चों (Orphan Children) को गोद लेकर एक अनुकर्णीय मिसाल (Pivotal example)पे श की थी।
करीब एक महीने के भीतर ही तीन असहायों की मदद कांगड़ा, सिरमौर व ऊना जिलों में कर चुके हैं। समाजसेवी के साथ चंडीगढ़ में मौजूद अमित ने बताया कि अब स्थिति स्थिर है। उन्होंने कहा कि भाई के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।