नाहन, 4 नवंबर : करीब-करीब 26 साल का युवक कालाअंब-त्रिलोकपुर (Kalaamb-Trilokpur) मार्ग पर जोहड़ों में सड़क किनारे दुर्घटना(Accident) में जख्मी (Injured) होकर तड़प रहा था। हिट एंड रन (Hit & Run) में एक वो चालक था, जो उसे तड़पता हुआ छोड़ गया। वहीं दूसरी तरफ कालाअंब पुलिस के वो कर्मचारी थे, जिन्होंने इंसानियत का उदाहरण (Example) पेश किया।
हुआ यूं कि सूचना मिलते ही एएसआई (ASI) रमन व कांस्टेबल हितेंद्र मौके पर पहुंचे। पुलिस कर्मियों ने न तो जांच की परवाह की और न ही एंबूलेंस (Ambulance)के मौके पर पहुंचने का इंतजार। केवल एक ही मकसद सामने था कि किसी तरह से प्रवासी दिहाड़ीदार (Daily Wages) युवक की जान बचा ली जाए।
एएसआई रमन व कांस्टेबल जितेंद्र ने एक मिनट गंवाए बगैर ही सरकारी बोलेरो (Bolero) में घायल युवक को डालकर लगभग 20 किलोमीटर का सफर 20 मिनट में तय कर लिया। ये इत्तफाक (Co-incidence) था कि पुलिस की ऐसी मानवता एमबीएम न्यूज नेटवर्क के सामने ही हुई।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने पाया कि पुलिस कर्मी मेडिकल काॅलेज (Medical College) में भी घायल के उपचार (Treatment) के लिए दवाएं तक उपलब्ध करवाने की कोशिश कर रहे थे। रात साढे़ 10 बजे के आसपास मेडिकल काॅलेज से घायल युवक को चंडीगढ़ के 32 सेक्टर मेडिकल काॅलेज रैफर किया गया। बड़ी बात यह है कि घायल युवक को 108 एंबूलेंस उपलब्ध नहीं हुई। इसके बाद पुलिस कर्मियों की ही कोशिश से मेडिकल काॅलेज द्वारा घायल को निशुल्क एंबूलेंस (Free Ambulance) सेवा उपलब्ध करवाई गई, लेकिन प्रवासी (Migrant) ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
बता दें कि घायल को चंडीगढ़ भेजने के बाद पुलिस कर्मियों ने वापस जाकर रात 1 बजे तक तफ्तीश की। इसके बाद ही घायल की मौत हो जाने की जानकारी मिलने के बाद दोनों ही सुबह चंडीगढ़ के लिए भी रवाना हो गए, ताकि परिवार को शव मिलने में देरी न हो। अमूमन, गरीबों को हादसे में मारे गए परिवार के सदस्य का शव लेने में ही घंटों तो लगते ही हैं। साथ ही आंखों के आंसू भी सूख जाते हैं। इस दुर्घटना क्रम में पुलिस का घायल को बचाने व बाद में शव का जल्द से जल्द पोस्टमार्टम करवाने को लेकर सराहनीय कार्य सामने आया है।
आपको फिर स्पष्ट कर दें कि पुलिस कर्मियों के इस कार्य की जानकारी एमबीएम न्यूज नेटवर्क (MBM News Network) के प्रतिनिधि को अपनी आंखों के सामने ही मिली।