शिमला, 02 नवंबर : विजिलेंस ने लाखों रुपये की धोखाधड़ी (Fraud) के मामले में महिला पटवारी (Revenue Officer) के खिलाफ शिमला की स्थानीय अदालत में चार्जशीट (Charge sheet) दाखिल की है। महिला पटवारी पर 3 कारोबारियों (Buisnessmen) से 13.45 लाख रूपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। महिला ने धोखाधड़ी को उस समय अंजाम दिया था, जब वह शिमला के फागली में पटवारी तैनात थी। विजिलेंस (Vigilance) ने वर्ष 2018 में महिला पटवारी के विरुद्ध शिमला के विजिलेंस थाने में एफआईआर (FIR) दर्ज की थी और जांच के दौरान वह दोषी पाई गई थी। विजिलेंस शिमला के एसपी वीरेन्द्र शर्मा ने सोमवार को बताया कि गत 30 अक्तूबर को शिमला की सीजेएम कोर्ट (CJM Court) में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि यह मामला वर्ष 2014 का है जब बालूगंज के कारोबारी सत्य देव को महिला पटवारी ने रामनगर के समीप करीब 16 बिस्वा जमीन बेचने की सलाह दी थी।
दरअसल यह जमीन किसी और शख्स के नाम पर थी। इस जमीन का सौदा (Deal) करीब 30 लाख रुपये में हुआ। सत्य देव ने अपने परिचित दीपक कुमार और अन्य शख्स को जमीन के बारे में बताया। जमीन देखने के बाद तीनों ने इस खरीदने की हामी भरी। इस दौरान महिला पटवारी ने कहा कि वह उसे करीब 13.45 लाख रुपये की पेमेंट (Payment) कैश में करें। इस दौरान जमीन को लेकर एग्रीमेंट (Agreement) बनाया गया।
तीनों कारोबारियों ने 5 लाख, 4 लाख और करीब 4.45 लाख रुपये की रकम मिलकर इकट्ठा की जो करीब 13.45 लाख रुपये हुई। इसे उन्होंने दिसंबर माह में महिला पटवारी को दे दिया। इस दौरान महिला पटवारी ने उन्हें विश्वास दिलवाने के लिए खाली चेक भी दिया ताकि किसी भी तरह की हेराफेरी होने पर वह इसमें रकम भरकर वापिस ले सके।
शिकायतकर्ताओं के मुताबिक इसके बाद वह जमीन की रजिस्ट्री (Registry) करवाने के लिए महिला पटवारी से संपर्क करते रहे। मगर वह हर बार आनाकानी करती रही। इससे शिकायतकर्ताओं को शक हुआ। उन्होंने जमीन के मालिक का पता करवाया तो जानकारी मिली कि वह जमीन बेचना ही नहीं चाहता है।
यह सुनने के बाद उन्हें अपने साथ ही ठगी का पता चला। शिकायकर्ता दीपक ने बताया कि पैसे लेने के बाद महिला पटवारी एग्रीमेंट की कॉपी भी सत्यदेव से ले गई थी। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2015 में मामले की लिखित शिकायत विजिलेंस में की। करीब तीन वर्षों तक चली जांच के बाद विजिलेंस ने महिला पटवारी के खिलाफ केस दर्ज किया था।