शिमला 7 अक्तूबर : राजधानी में आत्महत्या का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। नागालैंड के पूर्व राज्यपाल और पूर्व सीबीआई डायरेक्टर(Ex CBI Director) रहे डॉ अश्वनी कुमार ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस सूत्रों के अनुसार शिमला(Shimla) स्थित ब्राकहास्ट में उनके आवास में उनका शव लटका (Hanging body) पाया गया। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने यह खौफनाक कदम क्यों उठाया, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। फिलहाल एसपी शिमला मोहित चावला (IPS Mohit Chawla) की अगुवाई में पुलिस टीम घटनास्थल पर जुटी हुई है तथा मामले में जांच कर रही है। पुलिस को घटनास्थल से सुसाइड नोट (Suicide note) भी बरामद हुआ है। जिनमें लिखा गया है कि जिंदगी से तंग आकर अगली यात्रा पर निकल रहा हूँ। खुदकुशी की इस घटना से हर कोई स्तब्ध है।
1973 बैच के आईपीएस डॉ अश्विनी कुमार ने मणिपुर (Manipur) के गवर्नर से हटाए जाने के बाद शैक्षणिक क्षेत्र में कदम रख लिया था। दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सुरक्षा में तैनात रह चुके अश्विनी कुमार ने ऐसा कदम क्यों उठाया यह बात किसी को समझ नहीं आ रही। 2006 से 2008 तक हिमाचल पुलिस के महानिदेशक रहने के बाद उनकी तैनाती सीबीआई के निदेशक के पद पर हुई थी देश के बेहतरीन आईपीएस अधिकारियों (IPS officers) में डॉ अश्विनी कुमार की पहचान हुआ करती थी।
70 वर्षीय अश्वनी कुमार का जन्म सिरमौर के जिला मुख्यालय नाहन में हुआ था। वह आईपीएस अधिकारी थे और सीबीआई व एलीट एसपीजी में विभिन्न पदों पर रहे हैं। अगस्त 2008 से नवंबर 2010 के बीच वह सीबीआई के डायरेक्टर रहे थे। अश्वनी कुमार सीबीआई के पहले ऐसे प्रमुख हैं जिन्हें बाद में राज्यपाल (Governor) बनाया गया था। मार्च 2013 में उन्हें नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। हालांकि वर्ष 2014 में उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद वह शिमला में एक निजी यूनिवर्सिटी के वीसी भी रहे। उधर एक अन्य जानकारी के मुताबिक बुधवार को दिवंगत डॉ अश्विनी कुमार ने नाहन में अपने करीबियों से बातचीत भी की थी, वह बिल्कुल सामान्य व्यवहार कर रहे थे। डॉ अश्वनी कुमार देश के तत्कालीन पीएम राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की सुरक्षा में भी तैनात रह चुके थे साथ ही डीजीपी रहने के दौरान पुलिस विभाग में कई ऐतिहासिक कार्य किये।