हमीरपुर, 4 अक्तूबर : रोहतांग टनल के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री का संबोधन दुर्भाग्य से संकीर्णता (Narrowness)से परिपूर्ण था। रविवार को प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने एक प्रेस ब्यान में कहा कि जिस प्रकार इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने युपीए सरकार के प्रति आलोचनात्मक (Criticism) भाषा (language) का प्रयोग किया और इस टनल (Atal tunnel) के निर्माण का पूरा श्रेय लेने का प्रयास किया। उससे यह एहसास हुआ कि यह संबोधन प्रधानमंत्री (Prime Minister) का नहीं अपितु एक भाजपा नेता(BJP Leader) का था। कौशल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को भी श्रेय देने की बात कही परन्तु इस सुरंग (Tunnel) के शिलान्यास की शिला को देखना भूल गए जिस पर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का नाम अंकित है तथा, जिस शिलान्यास समारोह में नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से प्रेम कुमार धूमल भी मौजूद थे तथा शिलान्यास से पूर्व उक्त प्रोजेक्ट के लिए मनमोहन सिंह की सरकार ने बांछित(Required) बजट (Budget) का प्रावधान किया था।
वास्तव में सच्चाई यह है कि इस प्रोजेक्ट की रूपरेखा बनाने और इसको मूर्त रूप देने में इंदिरा गांधी, बाजपेयी,मनमोहन सिंह और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित हिमाचल प्रदेश के पूर्व पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तथा धूमल का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है, प्रधानमंत्री ने इसका श्रेय लेने का प्रयास कर एवं इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने बाले विभिन्न नेतायों और सरकारों की आलोचना कर राष्ट्रीय महत्व की इस उपलब्धि को विवादित करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक(Historic) मौक़ों (Occasion) पर संकीर्ण राजनीति (Party politics) से ऊपर उठकर उन सभी नेताओं का ज़िक्र करना चाहिए था जिनका रोहताँग टनल के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।