राजगढ़, 29 सितंबर : फसलों को जंगली जानवरों (Wild animal) से बचाने के लिए ’’मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना’’ किसानों के लिए काफी कारगर सिद्ध हो रही है और अनेक किसानों द्वारा इस योजना (Scheme) का लाभ उठाकर फसलों को घर व मंडियों तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की है। जिनमें से ग्राम पंचायत राणाघाट के गांव कुम्हाली की तारा ठाकुर एक जीवंत उदाहरण है। इनका कहना है कि बंदरों, जंगली सूअरों और पशुओं से तंग आकर उन्होने फसलों (crop) की बिजाई करना ही छोड़ दिया था। जिससे उनको विशेषकर खाद्य वस्तुओं के लिए बाजार पर निर्भर होना पड़ा था।
तारा ठाकुर ने बताया कि कृषि विभाग (Agriculture department) द्वारा उनके मोबाईल पर ’’मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना’’ बारे भेजे गए संदेश से उनके मन में फिर से खेती करने की उम्मीद जागृत हुई । उन्होंने कृषि विभाग कार्यालय राजगढ़ जाकर इस बारे संपर्क किया। कृषि विकास अधिकारी(Agriculture development officer) अंजलि कटोच ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों और बागवानों को अपने खेतों की बाड़बंदी (Fencing) करने के लिए मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना (Mukhy Mantri Sanrkshan Yojna) के अंतर्गत सौर उर्जा संचालित (Solar powered) बाड़ लगाने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर 80 प्रतिशत और सामूहिक स्तर पर 85 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। तारा देवी ने करीब 5 बीघा कृषि भूमि पर मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के अंतर्गत सौर उर्जा (Solar energy) संचालित करंटयुक्त बाड़ लगाने के लिए आवेदन किया। जिस पर कृषि विभाग द्वारा 2 लाख 56 हजार 825 रूपये की राशि स्वीकृत की गई। जिसमें 2 दो लाख 5 हजार अनुदान और 51365 रूपये अर्थात 20 प्रतिशत शेयर लाभार्थी (Beneficiary share) का शामिल था । तारा देवी ने इस राशि से अपने खेतों के चारों ओर 2295 मीटर सौर संचालित करंटयुक्त बाड (fencing) लगाई गई। इनका कहना है कि करंटयुक्त तारबाड़ लगाने के उपरांत उनकी फसल का जंगली जानवरों विशेषकर बंदरों(Monkey menace) से फसलों का बचाव सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने बताया कि जानवर जैसे ही खेत में प्रवेश करने के लिए बाड़तार में छूते है और उनको हल्का सा सोलर कंरट लगने से भाग जाते हैं। तारा ठाकुर ने तारबाड़ लगने के उपरांत फिर से पारंपरिक (Traditional) व नकदी फसलों की उगाना आरंभ कर दिया। उन्होने सभी किसानों को इस योजना का लाभ उठाने की सलाह दी है।