बिलासपुर, 27 सितम्बर: हिमाचल में एक ट्रक चालक देविंद्र (Truck driver) को इंसानियत की कीमत नौकरी (Job) गवांकर चुकानी पड़ी है। बहादुरी (Bravery) को देखते हुए पुलिस ने सम्मानित किया, लेकिन नौकरी चली गई।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में ट्रक ड्राईवर देवेंद्र ने कहा कि उन्हें उसी दिन मालिक ने नौकरी से निकाल दिया था, जिस दिन टैक्सी चालक को हत्यारों के चंगुल से बचाकर अस्पताल पहुंचाया था। यह कहते हुए नौकरी से निकाला गया कि बहुत मशहूरी हो गई है। ट्रक चालक ने कहा कि घर पर बुजुर्ग माता-पिता के अलावा दो भतीजों की भी जिम्मेदारी है। नौकरी से निकलने के बाद छोटी-मोटी दिहाड़ी करने का प्रयास करते हैं। चालक देविंद्र ने बताया कि उन्होंने दुख इस बात का नहीं है कि उनकी नौकरी चली गई, लेकिन दुख इस बात का है कि मदद के बावजूद भी घायल चालक की जान चली गई और वह उसकी जान नहीं बचा पाए।
बता दे की देविंद्र ने कुछ दिन पहले ही दाडला में एक ट्रक ड्राइवर की नौकरी शुरू की थी। लेकिन 15 सितम्बर को जब वह दाडला से आलमपुर के लिए रात को गाड़ी लेकर जा रहा था तो कंदरौर के पास एक घायल व्यक्ति (टैक्सी ड्राइवर) ने मदद की गुहार लगाई और उसने घायल की मदद की। ट्रक चालक ने पुलिस (police) को भी सूचित किया। भले ही वो घायल की जान न बचा सका, मगर देविंद्र की बहादुरी के कारण ही पुलिस ने चंद घंटे में ही टैक्सी चालक के हत्यारों को पानीपत से गिरफ्तार (Arrest) कर लिया। दरअसल उसी दिन सुबह ही उसका ट्रक मालिक एक और ड्राइवर के साथ कंदरौर आया और कहा कि उसने उनका नाम खराब कर दिया। यह कह कर नौकरी से निकाल दिया।
ग्राम पंचायत डगार ने एक प्रस्ताव पारित कर प्रशासन व सरकार को भेजा है कि देविंद्र पुत्र कर्म सिंह गांव फटा डंगार को बहादुरी के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार(State award) से सम्मानित किया जाए व रोजगार दिया जाए। दीगर है कि एसपी दिवाकर शर्मा (SP Diwakar Sharma) ने देविंद्र की बहादुरी को देखते हुए उसको 5000 रूपए नकद व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था। ट्रक ड्राइवर ने एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते अपना फर्ज निभाया और टैक्सी चालक की हर संभव मदद (Help) की। बदमाशों ने टैक्सी चालक को मारकर बुरी तरह गंभीर रूप से घायल कर दिया था। देविंद्र ने पुलिस को सूचित किया। भले ही टैक्सी चालक की जान न बच सकी उसकी बहादुरी के कारण ही पुलिस ने 8 घंटे में ही टैक्सी चालक के हत्यारों को पानीपत से गिरफ्तार (Arrest) कर लिया।
वहीं विश्राम गृह घुमारवीं में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने गुलदस्ता टोपी, शाल पांच हजार रुपये नगद देकर ट्रक चालक को सम्मानित किया। गर्ग में कहा कि विपरीत परिस्थितियों में देवेंद्र द्वारा पेश की गई इंसानियत की मिसाल अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि देवेंद्र द्वारा दिखाई गई सूझबूझ और बहादुरी से पुलिस को मात्र कुछ घंटों में घटना के आरोपियों तक पहुंचने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि देवेंद्र की तरह लोग विकट परिस्थितियों में सूझबूझ व बहादुरी से काम ले तो समाज में कानून व्यवस्था स्थापित करना आसान होगा। उन्होंने देवेंद्र को घटना के चलते ट्रक मालिक द्वारा नौकरी से हटाए जाने पर हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया है।