कुल्लू, 25 सितंबर : हिमाचल किसान सभा कुल्लू ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आहवान पर केन्द्र सरकार द्वारा तीन कृषि सम्बन्धी अध्यादेशों को लोकसभा व राज्य सभा में पारित करके विधेयक बनाने के विरोध में सैंकड़ों किसानों ने प्रदर्शन किया। किसानों को संबोधित करते हुए हिमाचल किसान सभा के राज्य सह-सचिव होतम सिंह सौंखला ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कृषि संशोधन अध्यादेशों को विधेयक बनाकर देश के किसानों से धोखा किया है। पहला किसानों की उपज, व्यापार तथा वाणिज्य तथा सरलीकरण अध्यादेश, दूसरा मूल्य आश्वस्त तथा कृषि सेवाओं सम्बन्धी अध्यादेश, तीसरा आवश्यक वस्तु संशोधन अध्यादेश 2020 शामिल है। ये कानून किसानों की उपज की सीधी खरीद की पूरी छूट देता है।
इसका असली मकसद यह है कि बडी कोरपोरेट कंपनियों के लिए खरीददारी की खुली छूट होगी। इन कंपनियों पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगाया जाऐगा। कृषि उपज मंडियों का खात्मा होगा। कंपनियों को मनमाने दाम से खरीदने की खुली छूट होगी। विधेयक में न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र कहीं भी नहीं है। साफतौर पर इस विधेयक के तहत जो भी खरीद होगी उसमें किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की भी गारंटी नहीं है। दूसरा पूरे देश में ठेका खेती लाने की बात करता है। इसमें राज्य सरकारों के पास ठेका खेती की अनुमति देने या न देने का विकल्प भी नहीं होगा (इस विधेयक के मुताबिक किसी भी गड़बड़ी या उसके और किसान के बीच उत्पन विवाद पर अदालतें सुनवाई नहीं कर सकेंगी। आवश्यक वस्तु अधिनियम के 2020 के तहत किसी को भी कितनी भी तादाद में अनाज व खाद्यान की जमाखोरी की छूट है। जमाखोरी करने की छूट कम्पनी, आढ़ती, कोल्डस्टोरेज मालिकों, थोक व्यापारियों को खुली है। अनाज का भण्डारण होगा अनाज की कीमतें बढ़ेगी देश में मंहगाई बढ़ेगी।
होतम सौंखला ने कहा कि केन्द्र की एनडीए सरकार ने मजदूर विरोधी कानून और किसान विरोधी कानून अध्यादेश लाकर पास किए हैं। मुठी भर कारपोरेटों की तिजोरियां भरने के सिवाय देश में कुछ नहीं किया [देश में 85 प्रतिशत लघु व सीमान्त किसान हैं जो अपनी उपज को नजदीक कृषि उपज मण्डियों में बेचता है। इन कानूनों से यह छोटा किसान संकट में चला जाएगा और कृषि गहरे संकट में आएगी। सरकार किसानों के हित में इन विधेयकों को वापिस ले ताकि देश के किसान और कृषि बच सके। किसानों को हिमाचल किसान सभा के राज्य कमेटी सदस्य अनिल ठाकुर ने संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र में आई भाजपा सरकार ने चुनाव के वक्त स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों … को लागू करने का बादा किया था। लेकिन आज यह उससे मुकर गई है उन्होंने कहा कि अगर ये सरकार सच में किसान हितैषी है तो इन तीनों कानूनों को वापिस लेकर, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करे, तभी किसान व किसानी बच सकती है। बर्ना इस सरकार ने किसानों को फंदे का इन्तज़ाम कर लिया है। अब किसानों को आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार होना होगा। प्रदर्शन को किसान सभा जिला उपाध्यक्ष देव राज नेगी, पूर्व जिलाध्यक्ष भूप सिंह भण्डारी क्षेत्रीय कमेटी खराहल के अध्यक्ष सर चन्द,सचिव रमेश ठाकुर ने भी संबोधित किया।