संगड़ाह, 22 सितम्बर : हिमाचल प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही सरकार ने मंदिरों के कपाट खोलने के फैसला लिया है। श्रद्धालु भी कोरोना के इस संकट के बावजूद अपने आराध्य देवताओं के दर्शन करने दरबार तक पहुंच रहे हैं। वही सिरमौर की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार (Churdhar) में भी लोग अपने आराध्य देव शिरगुल महाराज (Shirgul Maharaj) के दर्शन करने के लिए चोटी पर पहुंचना शुरू हो गए। यहां काफी संख्या में दर्शन तथा चूड़धार चोटी के भ्रमण के लिए हरियाणा व पंजाब से भी लोग पंहुचना शुरू हो गए है। कोरोना संक्रमण तथा यात्री सराहां के मुरम्मत के कार्य को देखते हुए प्रशासन द्वारा सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक ही मंदिर के कपाट खोलने का निर्णय लिया गया है। सेवा समिति द्वारा इस बार यहां रात्रि ठहराव व भंडारे की व्यवस्था नहीं की गई है। एक ही दिन में करीब 11,900 फुट ऊंची चूड़धार चोटी की चढ़ाई चढ़ने उतरने में अक्षम मैदानी इलाकों के कईं लोग मंदिर के साथ लगते जंगल में टैंट लगाकर रातें बिता रहे है।
चार दिन से नौहराधार में चूड़धार गए,कईं लोगों की गाड़ियां व बाइक खड़ी है। उपमंडल संगड़ाह के नौहराधार से करीब 18 किलोमीटर का पैदल रास्ता है, जबकि चौपाल सब-डिवीजन के सराहां से करीब 12 किलोमीटर की चढ़ाई है। उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले मां भंगायणी मंदिर में भी वीकेंड पर श्रदालुओं की खासी भीड़ जुटने लगी है। इस साल कोरोना काल के चलते मंदिरों में भंडारे व रात्रि ठहराव की कोई व्यवस्था नही है।