नाहन, 23 सितंबर : सिरमौर की बेटियों में सेना में भर्ती ( Army Recruitment) होकर देश सेवा की जबरदस्त ललक है। इसके लिए वो सुबह-शाम पसीना भी बहाती हैं। मगर सेना ने ऐन मौके पर न्यूनतम प्रतिशतता (Minimum percentage) की शर्त को 45 से बढ़ाकर 85 कर दिया है। यही कारण है कि लड़कियों के एडमिट कार्ड (Admit Card) डाउनलोड नहीं हो रहे। यह भर्ती हरियाणा के अंबाला में हो रही है। सेना में जवान बनकर देश सेवा करने के लिए आतुर लड़कियों ने कई सवाल भी उठाए हैंं। सीधे यह पूछा है कि जब अगस्त 2020 में फार्म भरे जा रहे थे तो उस समय दसवीं की न्यूनतम योग्यता (Minimum qualification) को 45 प्रतिशत क्यों दर्शाया गया था।
सेना में भर्ती होन को बेकरार युवतियों सावित्री ठाकुर, मानसी शर्मा, निकिता, रजनी शर्मा व अंजना ठाकुर इत्यादि ने कहा कि फार्म भरने के दौरान 50 रूपए की फीस ली गई थी। तमाम औपचारिकताओं को पूरा किया गया। शहर मेें किराए के कमरे लेकर रह रही हैं। रोजाना सुबह व शाम घंटो तक शारीरिक परीक्षा(Physical Exam) की तैयारी कर रही है। कई लड़कियों के पास उम्र की योग्यता की वजह से अंतिम मौका(Last Chance) है। अब तक एडमिट कार्ड (Admit Card) निकालने का समय आया तो केवल उन्हीं के कार्ड डाउनलोड (Download) हो रहे हैं, जिनके दसवीं में 85 फीसदी अंक हैं। लड़कियों का यह भी आरोप है कि दो साल से ऐसा हो रहा है। युवतियों ने यह भी सवाल उठाया है कि क्या सेना में जो आज शीर्ष पदों पर बैठे हुए अधिकारी हैं, उन्होंने 85 प्रतिशत की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता (Minimum qualification) की शर्त पर भर्ती ली थी।
युवतियों का कहना है कि वैसे तो देश में इस बात का नारा दिया जाता है कि बेटा व बेटी एक समान है, लेकिन इस मामले में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि लड़कियों को समाज में उचित दर्जा (Status) नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam) को भी इस मामले में दखल (Intervene) देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हाथ जोडक़र इस बात की प्रार्थना है कि उन्हें भी सेना में भर्ती होने का मौका दिया जाए। फिलहाल इस मामले में सेना का पक्ष नहीं है।