सोलन, 20 सितंबर : हिमाचल में युवा आईएएस अधिकारी (IAS) अजय कुमार यादव (Ajay Kumar Yadav) ने कोरोना (Corona) के चक्रव्यूह (Trap) में फंसी एक बुजुर्ग महिला (Old Lady) का बेटा बनकर दायित्व निभाया। 2018 बैच के आईएएस अधिकारी अजय कुमार यादव को एक माह पहले ही सोलन में बतौर एसडीएम (Sub divisional Magistrate) पहली नियुक्ति मिली है। इसी अवधि में एक मिसाल (Precedent) भी कायम कर दी है। चूंकि आईएएस अधिकारी मूलत: वाराणसी से ताल्लुक रखते हैं, लिहाजा निश्चित तौर पर बुजुर्गों की सेवा का भाव भी साथ लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा(Indian Administrative Service) शुरू की है।
लाजमी तौर पर आपके मन में जिज्ञासा पैदा हो रही होगी कि ऐसा क्या कर दिया। दरअसल, मानसिक रूप से विक्षिप्त एक बुजुर्ग महिला कोरोना काल से पहले हजारों कोस दूर गुजरात (Gujrat) से भटककर हिमाचल (Himachal) पहुंच गई थी। लॉक डाउन (Lock down) की वजह से वापसी का कोई तरीका नहीं थी। तब से सोलन में ही फंसी (Trap) हुई थी। जानकारी यह भी है कि महिला गिरने की वजह से चोटिल हो गई थी। इसके बाद उसे क्वारंटाइन केंद्र में लाया गया था।
बीमारी की स्थिति में उसे राधा स्वामी सत्संग भवन में संस्थागत क्वारंटाइन केंद्र में करीब तीन महीने पहले रख दिया गया। एक-एक करके तमाम लोग केंद्र से घर लौट गए। अकेले बुजुर्ग महिला ही रह गई। उसे न तो कोई लेने आया न ही उसके परिवार (family) की कोई खबर थी। गुजरात (Gujrat) की रहने वाली महिला के घर का पता लगा पाना आसान नहीं था। एक महीने पहले महिला के परिवार को ट्रेस करने की जिम्मेदारी आईएएस अधिकारी (IAS officer) ने पदभार संभालने के तुरंत बाद उठाई। इसमें पुलिस का भी बड़ा सहयोग मिला।
प्रशासन (Administration) की अभिभावक (Guardian) की भूमिका भले ही एक छोटी सी बात लगे, लेकिन मानसिक रूप से बीमार (Mentally retarded) महिला को उसके परिवार से मिलवाना एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है। आपको बता दें कि एसडीएम ने गुजराती भाषा के रूपांतरण के माध्यम से महिला से बात कर कुछ जानकारियां जुटाई थी। रविवार को वो पल आए, जब पुलिस की सुरक्षा (Police Security) में महिला को दिल्ली तक रवाना किया गया, क्योंकि वहां महिला का परिवार उसे लेने पहुंच रहा था। प्रशासन ने जहां इस महिला (Old Lady) को घर पहुंचाने की जिम्मेदारी एक अभिभावक की तरह निभाई, वहीं दिल्ली (Delhi) पहुंचाने का भी पूरा खर्च वहन किया। बता दे कि परिवार ने सोलन न आने पीछे धन की कमी बताई थी।
उल्लेखनीय है कि युवा आईएएस अधिकारी ने 2018 में यूपीएससी(UPSC) की परीक्षा में 333वां स्थान हासिल किया था। पढ़ाई में होशियार अजय कुमार यादव ने आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) से कैमिकल इंजीनियरिंग (Chemical Engineering) में बीटेक की शिक्षा हासिल की है। हालांकि रिलायंस (Reliance) में एक अच्छा-खासा पैकेज मिल गया था, लेकिन दो साल में ही मोटे पैकेज से आकर्षण टूट गया, क्योंकि वो भारतीय प्रशासनिक सेवा में आकर कुछ अलग हटकर करना चाहते थे। पिता राम दुलार यादव एक सामान्य व्यवसायी हैं। एक छोटी सी दुकान चलाने वाले पिता आज फिर अपने लाल पर गर्व (Proud) महसूस कर रहे होंगे। राधा स्वामी सत्संग के सेवादार ने बताया कि केन्द्र में डेढ़ लाख से अधिक लोग कोरोना के दौरान रखे गए थे, जिसका पूरा खर्च राधास्वामी संस्था (Radha Swami) ने वहन कर समाज सेवा (Social Service) में अपना तनिक योगदान (Contribution) मात्र दिया है।