सोलन, 20 सितंबर : अक्सर, पुल का नाम दिमाग में कौंधते ही नदी या फिर खड्ड का ख्याल आता है। मगर आपको कुछ समय बाद हिमाचल (Himachal) में एक ऐसा पुल (Bridge) भी नजर आएगा, जो नदी पर नहीं होगा। इसे वायाडक्ट ब्रिज (Viaduct Bridge) के तौर पर पारिभाषित किया जाता है। लाजमी तौर पर आप यह सोच रहे होंगे कि आखिर है क्या। दरअसल, परवाणु-शिमला फोरलेन परियोजना में वैली को आपस में जोडऩे के लिए इसका निर्माण 19 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। शुरूआती चरण में इस पुल का प्रस्ताव नहीं था, लेकिन टीटीआर (TTR) व धर्मपुर के बीच इसकी आवश्यकता कई तकनीकी कारणों से महसूस की गई।
बता दें कि पहले पहाड़ी की तरफ ही हाईवे(NH) को चौड़ा किया जाना था। पहाड़ी की तरफ रिटेनिंग वॉल (Retaining Wall) के अलावा अन्य कार्य नामुमकिन से नजर आ रहे थे। लिहाजा, वायाडक्ट ब्रिज के विकल्प को तलाशा गया। इसका प्रस्ताव भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NAHI) को भेजा गया था। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। 160 मीटर लंबे व 40 मीटर चौड़े ब्रिज का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इसे 6 माह के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उल्लेखनीय है कि हिमाचल में इससे पहले वायाडक्ट ब्रिज का निर्माण नहीं हुआ है। इस फोरलेन परियोजना की लागत 748 करोड़ पहुंच चुकी है। शुरूआत में इस परियोजना को 30 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 60 माह पूरे हो चुके हैं।
सितंबर 2015 में शुरू हुई परियोजना को मार्च 2018 में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित हुआ था, मगर अलग-अलग कारणों से इसमें देरी हुई। ताजा वजह वैश्विक महामारी (Global Pandemic) भी रही है। जानकारों की मानें तो 90 से 95 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। अप्रैल 2021 में प्रोजैक्ट (project) के पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। दीगर है कि फोरलेन में सनावर व बड़ोग में रेलवे के दो ओवरब्रिज (Over Bridge) के अलावा कुम्हारहट्टी में फलाईओवर (Flyover) भी बन रहा है। साथ ही 21 किलोमीटर की सर्विस रोड भी बनाई जा रही है।
उधर, जीआर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (GR Infrastructure Limited) के डिप्टी मैनेजर (Deputy Manager) सतीश आहूजा ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि वैली को जोडऩे के लिए ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। इसका कार्य मंजूरी के बाद शुरू किया जा चुका है। उन्होंने माना कि हिमाचल में इससे पहले वायाडक्ट ब्रिज का निर्माण नहीं हुआ है।